
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को 13वें दिन की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा बयान समने आया है। केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा है कि सरकार सरकार जम्मू-कश्मीर में कभी भी चुनाव कराने को तैयार है। वोटर लिस्ट भी लगभग तैयार हो चुकी है। जैसे ही पहला त्रिस्तरीय पंचायती राज सिस्टम लाया जाएगा, वैसे ही पहले चुनाव पंचायत के होंगे।
सरकार जम्मू-कश्मीर को जल्द देगी पूर्ण राज्य का दर्जा
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रख रहें सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने बताया कि पंचायत चुनाव, नगर निगम के चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव होंगे। केंद्र सरकार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने लिए कदम उठाए गए हैं, पर ये कब तक होगा, इसका निश्चित वक़्त नहीं बता सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा राज्य का दर्जा कब होगा बहाल
दरअसल, 29 अगस्त को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय सीमा है और उसका रोडमैप क्या है। कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि राज्य में चुनाव कब करा रहे हैं। आज अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का 13वां दिन है।
पांच सदस्यीय बेंच कर रही सुनवाई
याचिकाकर्ताओं की ओर से 23 अगस्त को दलीलें पूरी कर ली गईं थीं। पांच सदस्यीय बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
केंद्र सरकार ने बनाया परिसीमन आयोग
केंद्र सरकार ने राज्य के सभी विधानसभा सीटों के लिए एक परिसीमन आयोग बनाया है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर के स्थायी निवासियों के लिए भी भूमि खरीदने की अनुमति देने के लिए जम्मू एंड कश्मीर डेवलपमेंट एक्ट में संशोधन किया गया है। याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर महिला आयोग, जम्मू-कश्मीर अकाउंटेबिलिटी कमीशन, राज्य उपभोक्ता आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोग को बंद कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च, 2020 को अपने आदेश में कहा था कि इस मामले पर सुनवाई पांच जजों की बेंच ही करेगी। सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने मामले को सात जजों की बेंच के समक्ष भेजने की मांग को खारिज कर दिया था।