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कठुआ कैंपस द्वारा इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया, देश-विदेश के विभिन्न संगठनों के विशेषज्ञों ने प्रवेशकों के साथ बहुमूल्य ज्ञान साझा किया

कठुआ, 21 मार्च (हि.स.)। 18 मार्च से 21 जून तक जम्मू विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान और आईटी विभाग, कठुआ परिसर, द्वारा चार दिवसीय प्रेरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान कुल 8 सत्र आयोजित किए गए, जहां देश-विदेश के विभिन्न संगठनों के विशेषज्ञों ने प्रवेशकों के साथ बहुमूल्य ज्ञान साझा किया। इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन प्रो. मीना शर्मा, रेक्टर कठुआ कैंपस और जम्मू के मुख्य समन्वयक परिसरों के नेतृत्व में किया गया था। प्रो. शर्मा ने हाल ही में कैंपस में शामिल हुए नए लोगों के लिए इस तरह के मेगा ऑनलाइन कार्यक्रम के आयोजन के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्हें उम्मीद थी कि फ्रेशर्स का कैंपस में एक समृद्ध और फलदायी प्रवास होगा। उन्होंने नए लोगों को अगले तीन वर्षों में संकाय से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और नियमित रूप से कक्षा के काम के अलावा कौशल वृद्धि के लिए ऐसी शैक्षणिक गतिविधियों में भागीदारी के लाभों पर जोर दिया। जम्मू विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान और आईटी विभाग के प्रमुख प्रो. ललितसेन शर्मा ने मुख्य भाषण दिया और आईटी क्षेत्र में आवश्यक कौशल के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम के अलावा, छात्रों को नई तकनीकों जैसे कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मशीन लर्निंग, कंप्यूटर विजन, पैटर्न मान्यता आदि पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और शुरुआत से ही परियोजनाओं पर काम करना चाहिए। उन्होंने इस विचार का पालन किया कि छात्र एक शैक्षणिक संस्थान के वास्तविक स्तंभ हैं और प्रौद्योगिकी से संबंधित ऐसी गतिविधियाँ विविध परियोजना कार्यों की प्रभावकारिता को बढ़ाती हैं। वहीं पंजाब की चितकारा यूनिवर्सिटी से डॉ। जसमिंद्र कौर संधू ने मशीन लर्निंगरू रियल-वर्ल्ड एप्लीकेशन एंड प्रोग्रामिंग एस्पेक्ट्स पर बात की। उन्होंने मशीन लर्निंग की विभिन्न तकनीकों, एल्गोरिदम और अनुप्रयोगों को समझाया और आगे बताया कि पायथन और आर प्लेटफार्मों में कैसे काम किया जाए। हालांकि, नई दिल्ली के जी. बी. पंत सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज की डॉ. ममता मित्तल ने डाटा माइनिंग से परिचय पर बातचीत की और स्वैच्छिक डेटाबेस से ज्ञान निकालने की पूरी प्रक्रिया, डेटा माइनिंग की विभिन्न तकनीकों और विभिन्न एल्गोरिदम की कार्यप्रणाली को विस्तार से बताया। जीआरआईईटी, जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हैदराबाद से डॉ। सुरभि गुप्ता ने मशीन लर्निंग और कंप्यूटर विजन की तकनीक और इसके अनुप्रयोगों पर गहराई से चर्चा की। डॉ. गुप्ता ने छात्रों को मशीन लर्निंग और कंप्यूटर विजन से संबंधित परियोजनाओं पर काम करने के लिए प्रेरित किया और उनके अंत में आवश्यक कदमों को भी विस्तार से बताया। उन्होंने इमेज प्रोसेसिंग, कंप्यूटर ग्राफिक्स, पैटर्न रिकॉग्निशन और रोबोटिक्स जैसे विभिन्न संबंधित क्षेत्रों के बारे में बताया। इसी प्रकार मुकेश पटेल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग, मुंबई से प्रथमेश चुरी ने एकेडेमिया में रिसर्च के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों को समय के महत्व का एहसास करने की सलाह दी। डॉ। आनंद शर्मा, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन, गुरु काशी विश्वविद्यालय, पंजाब से प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग पर बातचीत की, जहाँ उन्होंने समझाया कि छात्रों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों की सक्रिय खोज के माध्यम से गहन ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और टीम की भावना को अनुकूलित करने का सुझाव दिया। बैंक ऑफ सिंगापुर में काम करने वाले विक्रम जीत सिंह ने कॉर्पोरेट वर्ल्ड में अवसरों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया, जहां उन्होंने उद्योग में कैरियर की योजना बनाने के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने वेब अवधारणाओं और इसके अनुप्रयोगों पर जोर दिया। दुबई से वरिंद्र सिंह ने आशा के अमूर्त विचार पर विचार किया-स्वयं में एक विश्वास, जीवन में बड़ी चीजों को पूरा करने के लिए प्रकाश डाला और अपने लक्ष्यों के प्रति गति बनाने और जीवन में पूर्ण क्षमता प्राप्त करने की तकनीकों पर चर्चा की। वहीं सौरभ शास्त्री, प्रभारी प्रमुख, एमसीए और कार्यक्रम के आयोजन सचिव ने मेहमानों का स्वागत किया और प्रतिभागियों को संसाधन व्यक्तियों को पेश किया। अमित शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया, जबकि परमजीत कौर, रीति प्रकाश सिंह काटल, डॉ। सन्नी शर्मा और प्रणव रत्ता सहित अन्य संकाय सदस्य भी सत्र के दौरान उपस्थित थे। हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान

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