आईजीएमसी में इलाज के दौरान पत्नी की मौत पर पति ने खड़े किए सवाल, अस्पताल प्रशासन पर बदइंतजामी के आरोप
शिमला, 15 दिसम्बर (हि.स.)। आईजीएमसी अस्पताल में इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो जाने पर पति में आईजीएमसी प्रशासन की कार्यप्रणाली को कटघडे में खड़ा किया है। उन्होंने आईजीएमसी प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार तक को घेरा है। उनका कहना है कि उनकी पत्नी की मौत कोरोना से नहीं, बल्कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से हुई है। राजधानी के उपनगर समरहिल निवासी व हिमाचल प्रदेश स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के शिमला जिला महासचिव संजोग भूषण ने मंगलवार को शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि आईजीएमसी में नॉन कोविड मरीजों का उपयुक्त इलाज नहीं हो रहा है। कोविड मरीजों की स्थिति भी बहुत बुरी है। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी को 30 अक्तूबर 2020 को आईजीएमसी में भर्ती किया गया जहां एक दिन बाद 31 अक्तूबर को उनकी मृत्यु हो गयी। इन बारह घण्टों के दौरान उनका कोई उपचार नहीं किया गया। कोई भी सीनियर डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आया। जब उन्हें टेस्ट के लिए ले जाया गया तो एक ही एम्बुलेंस में दो मरीजों को ठूंस दिया गया। उनकी रेपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई। हालांकि उनकी मृत्यु के छः घण्टे के बाद उनकी कोविड रिपोर्ट नेगेटिव के बजाए पॉजिटिव बताई गई। जहां उन्हें भर्ती किया गया वहां पर ऑक्सीजन सिलिंडर काम नहीं कर रहा था। उनके लिए जरूरी स्टीम के लिए बिजली का प्लग भी काम नहीं कर रहा था। उनका एक्स रे,ईसीजी,अल्ट्रा साउंड कुछ भी नहीं किया गया। संजोग भूषण ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन का लचर रवैया साफ नज़र आया। इस कारण उनकी पत्नी की असामयिक मृत्यु हो गयी। इस तरह के उदाहरण आये दिन आईजीएमसी व दूसरे अस्पतालों में देखने को मिल रहे हैं। यह पूर्णतः संवेदनहीनता है। उन्होंने मांग की है कि इस असामयिक मृत्यु,बदइंतज़ामी व संवेदनहीनता के लिए जिम्मेवार सरकार व प्रशानिक अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने चेताया कि अगर उन्हें न्याय न मिला तो वह मुख्यमंत्री आवास के बाहर भूख हड़ताल पर बैठने से भी गुरेज नहीं करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील-hindusthansamachar.in