theog-police-became-an-angel-for-a-mentally-disturbed-man-who-was-destitute-during-the-corona-era
theog-police-became-an-angel-for-a-mentally-disturbed-man-who-was-destitute-during-the-corona-era

कोरोना काल में बेसहारा भटक रहे मानसिक परेशान व्यक्ति के लिए देवदूत बनी ठियोग पुलिस

परिजनों तक पहुंचाने का उठाया बीड़ा शिमला, 20 मई (हि.स.)। कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश में तांडव मचा रही है। कोई भी राज्य कोरोना से अछूता नहीं है। हिमाचल प्रदेश भी कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। पिछले कुछ दिनों में राज्य में कोरोना के मामलों में भारी वृद्धि हुई है। कोरोना के बढ़ते कहर के बीच प्रदेश पुलिस मुसीबत में फंसे लोगों की मदद कर रही है। हाल ही में शिमला पुलिस के जवानों ने कोरोना से जूझ रही 90 वर्षीय बुजुर्ग बेसहारा महिला को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई थी। अब शिमला से सटे ठियोग क्षेत्र में पुलिस ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। यहां बेसहारा भटक रहे मानसिक रूप से परेशान 55 वर्षीय पुरुष के लिए स्थानीय पुलिस फरिश्ता बनकर उभरी है। बिहार का मूल निवासी व्यक्ति पिछले 7-8 सालों से लापता चल रहा था। कई स्थानों पर भटकते हुए वह ठियोग आ पहुंचा। ठियोग पुलिस के जवानों की नजर उस पर पड़ी औऱ उनका दिल पसीजा। पुलिस ने उक्त व्यक्ति की मदद को हाथ बढ़ाये और हज़ारों किलोमीटर दूर रह रहे उसके परिजनों को ढूंढ निकाला। अब उसे सकुशल वहां पहुंचाने का बीड़ा पुलिस ने उठाया है। बुधवार की रात पुलिस कर्मचारियों ने थाने में इस व्यक्ति के ठहरने का इंतज़ाम किया। उसे नहलाया, नए कपड़े पहनाए और खाना खिलाया। कोरोना काल में पुलिस के इस नेक कार्य की जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी कम है। दरअसल कोरोना कर्फ्यू के बीच बुधवार को ठियोग बाजार में एक व्यक्ति घुमता हुआ पाया गया, जिसकी पड़ताल के लिए पुलिस के जवान उसे थाना में ले आये। प्रथम दृष्टया यह व्यक्ति मानसिक रुप से बीमार लग रहा था। पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम चतुराईक औऱ निवास स्थान गांव गगौर, थाना कोरमा, जिला शेखपुरा बिहार बताया। इसके बाद ठियोग पुलिस ने कोरमा थाना के एसडीपीओ से सम्पर्क साधा कर कोरमा थाना प्रभारी का नम्बर जुटाया। थाना प्रभारी से बातचीत कर वाट्सअप के माध्यम से उक्त व्यक्ति का फोटो व पता भेजा। कोरमा थाना के प्रभारी ने तुरन्त व्यक्ति का पता ढूंढ निकाला और उसके परिजनों से सम्पर्क करवाया। परिजन अवधेश ने पुलिस को जानकारी दी कि ठियोग में मिले व्यक्ति का वास्तविक नाम चतुरानन्द विन्द उर्फ चतुरक है तथा वह थोडा मानसिक रुप से परेशान होने के कारण करीब 7-8 सालों से घर से लापता हैं। उसके परिवार में पत्नी व उसका एक बेटा है। ठियोग पुलिस ने बेटे सूरज कुमार से मोबाइल पर बातचीत की और उसने चतुरानन्द को अपना पिता बताया। ठियोग के डीएसपी कुलविंद्र सिंह ने गुरुवार को बताया कि उक्त व्यक्ति का कोविड टैस्ट करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उसे वृद्धा आश्रम चौपाल में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के हालात सामान्य होने पर चतुरानन्द को उसके घर पहुंचाने का प्रबंध पुलिस द्वारा किया जाएगा। सिंह ने मानवता के इस कार्य के लिए ठियोग पुलिस कर्मियों की पीठ थपथपाई। उन्होंने बताया कि पुलिस आगे भी मुसीबत में फंसे लोगों को मदद पहुंचाने का कार्य जारी रखेगी। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in