Shimla News: शिमला के जगोटी में बादल फटने से भारी तबाही, 600 से अधिक सड़कें बंद; तेज बारिश का अलर्ट जारी

Shimla News: सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन की टीमें जगोटी पहुंची। राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया है। अभी तक लापता लोगों का पता नहीं चल सका है।
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शिमला, हि.स.। हिमाचल प्रदेश में बरसात का सितम जारी है। ताजा आपदा रात को शिमला जिले के रोहड़ू उपमंडल की चिड़गांव तहसील में आई है। चिड़गांव की उपतहसील जांगला डिसवाणी पंचायत के जगोटी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। एक भोजनालय ढह गया। इसमें रह रहे तीन लोग लापता हो गए हैं। इनकी पहचान रोशन लाल (62), उनकी पत्नी भागा देवी (57) और पोता (11) कार्तिक के रूप में हुई है। पानी के सैलाब से स्थानीय लैला खड्ड उफान पर है।

गाड़ियों को नुकसान पहुंचा

सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन की टीमें जगोटी पहुंची। राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया है। अभी तक लापता लोगों का पता नहीं चल सका है। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। चिड़गांव के नायब तहसीलदार सौरभ धीमान ने दादा, दादी और पोता के लापता होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पांच गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। इलाके में राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

बारिश की चेतावनी जारी की

इस बीच राज्य में हुए भूस्खलन से 600 से अधिक सड़कें बंद हैं। बड़ी संख्या में बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। कई जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। दो दिन पहले चिड़गांव के खाबल में एक कार के खाई में गिरने तीन लोगों की जान जा चुकी है। मौसम विज्ञान विभाग ने अगले तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर, हमीरपुर, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में तेज गर्जना के साथ भारी बारिश की संभावना है। विभाग के मुताबिक 24 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट रहेगा। 26 जुलाई तक राज्य भर में मौसम खराब रहेगा। इस दौरान लोगों को नदी-नालों से दूर रहना चाहिए।

हादसों में 138 लोग मारे गए

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल के अनुसार 24 जुलाई तक राज्य में भारी बारिश हो सकती है। भारी बारिश के साथ-साथ भूस्खलन और फ्लैश फलड होने की आशंका है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी और अब तक वर्षा जनित हादसों में 138 लोग मारे गए हैं। 586 घर धराशायी हो चुके हैं। 5030 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। इसके अलावा 234 दुकानें और 1500 पशुशालाएं भी ध्वस्त हुईं।

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