पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार की भारत सरकार से गुजारिश, कहा- हिमाचल के दवाई उद्योग को बदनामी से बचाएं

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार हिमाचल की बनाई दवाइयों का फेल होना काफी चिंताजनक।
पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार
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पालमपुर, (हि. स.))। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा हिमाचल प्रदेश के दवाई उद्योग में बार बार हिमाचल की बनाई दवाइयों के फेल होने के समाचार बहुत चिन्ताजनक है। हिमाचल की 12 दवाईयां फेल होने का समाचार अभी अभी आया है। कुछ समय पहले एक समाचार आया था कि 6 मास में हिमाचल प्रदेश की 93 दवाईयां फेल हो गई हैं।

शान्ता कुमार ने कहा हिमाचल के लिए यह सौभाग्य की बात है कि देश के दवाई उद्योग का 40 प्रतिशत योगदान हिमाचल प्रदेश का है। इस उद्योग के भविश्य में बढ़ने की बहुत सम्भावनाएं है। करोड़ों रू0 की दो योजनाएं बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाईज पार्क प्रदेश के लिए स्वीकृत हो गई हैं।

उन्होंने कहा परन्तु अत्यन्त दुर्भाग्य है कि कुछ भ्रश्टाचारी उत्पादक और भ्रश्टाचारी सरकारी अधिकारियों के कारण हिमाचल का दवाई उद्योग बदनाम होता जा रहा हैं। इतनी अधिक सख्ंया में दवाईयां का फेल होना चिन्ताजनक है। 22 उद्योग ऐसे है जिनकी दवाईयां बार बार फेल होती है। लाईसेंस रद्द होते हैं परन्तु कुछ समय के बाद फिर लाईसेंस दे दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश के इस उद्योग की बदनामी का एक मात्र कारण यह है कि सख्त कार्यवाही नही होती। वर्शों से ऐसे समाचार आ रहे है। कुछ समय पहले हिमाचल उच्च न्यायालय ने स्वंय संज्ञान लेकर इसे शमर्नाक बताया था। परन्तु हैरानी की बात है कि उच्च न्यायालय को तो शर्म आई परन्तु सरकार को शर्म नहीं आई।

शान्ता कुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खु से विशेष आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश के इस दवाई उद्योग के शानदार भविष्य को इस बदनामी से बचाया जाए। यदि आवष्यकता हो तो कानून बदला जाए। दवाईयों में इस प्रकार की बेईमानी लोगों के जीवन से भी एक बहुत बड़ा खिलवाड़ हैं। यह चिन्ता का विशय है कि एक तरफ बेरोजगारी के कारण प्रदेश सकंट में है और दूसरी तरफ रोजगार देने वाले इस उद्योग को बदनाम किया जा रहा है।

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