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कोरोना हेल्थ सेंटर रत्ती के परिसर खुले में फेंकी पीपीई किट्स

मंडी, 02 मई (हि. स.)। मंडी जिला के उपमंडल बल्ह के नागरिक अस्पताल परिसर में पीपीई किटों का ढेर लगा हुआ है। जिसके चलते वहां पर संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है। इस भयानक दौर में जहां कोरोना से देश प्रदेश में रोजाना लोग जान से हाथ धो रहे हैं, वहीं चिकित्सा विभाग द्वारा खुद कोरोना गाइडलाइंस की अवहेलना करना चिकित्सा पद्धति पर प्रश्न चिन्ह लगता है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को संक्रमण से बचाने के लिए पीपीई किट पहनाई जाती है, क्योंकि डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ लगातार मरीजों के संपर्क में रहता है, इसलिए इस किट पर कोरोना के वायरस चिपक जाते हैं। इसके कारण इन किटों के संपर्क में आने वाले व्यक्ति को भी कोरोना होने का खतरा बना रहता है। जिसके चलते इन किटों को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने का प्रावधान किया गया है, लेकिन इसके बाद भी उपमंडल बल्ह के रत्ती स्थित नागरिक अस्पताल जिसे अब डेडिकेटेडिड कोरोना हेल्थ सेंटर बनाया गया है, में कोरोना की किटों आदि को खुले में फेंका जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की इस बहुत बड़ी लापरवाही के चलते क्षेत्र में संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है। जहां अस्पताल परिसर के अंदर यह किट आदि फेंकी गई हैं, इसके साथ ही एक ओर जहां अस्पताल लैब की खिड़कियां हैं, वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस चालकों के बैठने का कमरा भी है। लेकिन दो दिनों से यहां खुले में पड़ी हुई पीपीई किटस आदि पर सफाई कर्मियों ने कोई ध्यान नहीं दिया । जबकि विशेषज्ञों के अनुसार खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंके जाने से न केवल संक्रमण का खतरा रहता है, बल्कि पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचता है। । इधर, सीएमओ मंडी डॉ देवेंद्र शर्मा का कहना है कि कोविड-19 मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की गाइडलाइंस के मुताबिक उपयोग की गई पीपीई किट बायो मेडिकल वेस्ट के अंतर्गत आती है। जिन्हें इस्तेमाल के बाद हाइपोक्लोराइट के घोल में डालकर रखना चाहिए उपरांत उसके इसे काले बैग में पैक करने की हिदायत दी गई है। जिसकी अनुपालना एंबुलेंस कर्मचारियों द्वारा नहीं की गई है, दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/मुरारी/सुनील

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