Dharamshala: सीएम सुक्खू का डिग्री को फेक बताने पर बिफरा विपक्ष, विधानसभा में हुई तीखी नोक-झोंक

Dharamshala: हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कई मौकों पर तीखी नोक-झोंक हुई।
Sukhwinder Singh Sukhu
Sukhwinder Singh Sukhuraftaar.in

धर्मशाला, (हि.स.)। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कई मौकों पर तीखी नोक-झोंक हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की फेक डिग्री को लेकर की गई एक टिप्पणी और भाजपा विधायकों पर कसे गए तंज से सदन का माहौल गरमा गया। मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर भाजपा विधायक सदन में खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने दोनों पक्षों को शांत करने की भरपूर कोशिश की। विधानसभा अध्यक्ष की कोशिशों के बाद विपक्ष शांत नहीं हुआ और नारेबाजी करता रहा।

विपक्ष के सदस्यों ने सांकेतिक तौर पर डिग्रियां परिसर में जलाईं

भाजपा विधायकों ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया था। बेरोजगारों के मुद्दे पर किए गए, इस प्रदर्शन के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने सांकेतिक तौर पर डिग्रियां परिसर में जलाईं।

सुक्खू ने सदन में कहा कि जलाई गई डिग्री फेक हैं

प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि जलाई गई डिग्री फेक हैं, क्योंकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र नहीं रहे हैं। इस डिग्री में कुलपति के भी हस्ताक्षर हैं। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय की गरिमा गिराने का सवाल है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अंदेशा जताया कि भाजपा विधायक शनिवार को महिला वेष में परिसर में पहुंचकर आंदोलन कर सकते हैं।

चोट निशाने पर लगी है

सदन के नेता के इस तंज पर विपक्ष बिफर उठा और उसके तमाम सदस्यों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर वरिष्ठ भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि आंदोलन सांकेतिक होते हैं। भाजपा ने कांग्रेस की गारंटियों को लेकर विधानसभा परिसर में सांकेतिक आंदोलन किए हैं। इसका मकसद सरकार को उसकी गारंटियां याद दिलाना है। युवा हर साल एक लाख रोजगार का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हुए सांकेतिक आंदोलन का मकसद यह था कि सरकार रोजगार की गारंटी पूरी करे, अन्यथा बेरोजगार युवा सड़कों पर आएंगे और सरकार के बाहर निकला मुश्किल होगा, लेकिन सरकार की नाराजगी से लगता है कि चोट निशाने पर लगी है।

भाजपा विधायकों ने एक मर्तबा फिर सदन में नारेबाजी शुरू की

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका कहना यह था कि विपिन परमार हिमाचल विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं, लेकिन जयराम ठाकुर नहीं। यूं भी सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार के मुकाबले अधिक पदों को भरना शुरू किया है। इस पर भाजपा विधायकों ने एक मर्तबा फिर सदन में नारेबाजी शुरू की। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने दोपहर के भोजन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

साड़ियां और चूड़ियां पहन कर आने वाला वक्तव्य महिलाओं का अपमान

दोपहर के भोजन के बाद सदन में एक मात्र महिला सदस्य रीना कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री का साड़ियां और चूड़ियां पहन कर आने वाला वक्तव्य महिलाओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से महिलाओं को ठेस पहुंची है। मुख्यमंत्री को अपने इस वक्तव्य के लिए माफी मांगनी चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था दी कि किसी भी अवांछनीय टिप्पणी को वह सदन की कार्यवाही से हटा देंगे।

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