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बागवानी के विकास में नरेंद्र बरागटा का योगदान भुलाया नहीं जा सकता: सुरेश भारद्वाज

शिमला, 06 जून (हि.स.)। हिमाचल में बागवानी के विकास खासकर सेब की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में नरेन्द्र बरागटा का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। प्रदेश के बागवानों के हक के लिए नरेन्द्र बरागटा प्रत्येक मोर्चे पर डटे रहते थे। उन्हीं के परिश्रम स्वरूप प्रदेश के बागवानों को नवीनतम किस्म के पौधों तथा बागवानी की कई आधुनिक योजनाएं प्राप्त हुई, जिससे आज जिला शिमला के साथ-साथ प्रदेश के बागवानों ने भी राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम की है। उन्हांेने बागवानों को बागवानी योजनाओं का भरपूर लाभ दिलवाया, जिससे बागवानों की आर्थिकी सुदृढ़ हुई है। ये बातें शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने रविवार को नरेन्द्र बरागटा के अंतिम संस्कार कार्यक्रम के उपरांत कही। जूब्बल कोटखाई के विधायक, मुख्य सचेतक व पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा का 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार के दौरान शनिवार सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ कोटखाई स्थित पैतृक गांव टेटैली में उनका अंतिम संस्कार हुआ। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि नरेन्द्र बरागटा प्रदेश की राजनीति में अग्रिम पंक्ति के नेताओं में शामिल थे तथा शिमला जिला में पार्टी को मजबूती प्रदान करने मंे नरेन्द्र बरागटा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि उनके जाने से प्रदेश की राजनीति में उनकी कमी खलेगी वहीं जिला शिमला में सेब की आवाज बागवानों के हितैषी तथा कर्मठ नेता व कार्यकर्ता का अभाव अवश्य महसूस किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/उज्जवल

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