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रिज मैदान के घोड़ा संचालकों को नगर निगम की सौगात, कोरोना काल में नहीं वसूलेंगे शुल्क

शिमला, 05 मई (हि.स.)। नगर निगम प्रशासन ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए रिज मैदान के घोड़ा संचालकों को राहत दी है। कोविड 19 की स्थिति सामान्य होने तक निगम प्रशासन घोड़ा संचालको से घोड़ो की लीद उठाने का शुल्क नहीं वसूलेगी। मौजूदा समय में रिज मैदान में करीब सात घोड़ा संचालक घुड़सवारी का काम कर अपनी रोजी रोटी कमा रहे है। लेकिन घोड़ों की लीद से फैलने वाली गंदगी को एक बड़ी परेशानी है, इस काम में दो शिफटो में काम करने वाले एमसी के चार सफाई कर्मचारियों को बार बार घोड़ों की लीद साफ करनी पड़ती हैं। एमसी प्रशासन का कहना है कि रिज मैदान व आस पास की सफाई का शेयडूल तय है , जिसके अनुसार सफाई कर्मचारी सफाई करता है। लेकिन पूरे दिन घोड़ों की लीद की सफाई अतिरिक्त काम है , जो एमसी का नहीं है। निगम प्रशासन का कहना है इस समस्या को लेकर कई मतर्बा घोड़ा संचालको को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए है , जिसमें घोड़ा संचालको को घोड़ो के लिए पु -बैग इस्तेमाल करने को कहा गया , लेकिन ये व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी। वहीं अब चार सफाई कर्मचारियों के अतिरिक्त काम को देखते हुए एमसी प्रशासन ने निगम ने घोड़ा संचालकों को हर माह एक लाख 25 हजार जमा करवाने या फिर रिज पर घोड़ो की लीद उठाने की व्यवस्था करने के फरमान जारी की है। उधर घोड़ा संचालकों का कहना है कि कोरोना के चलते पहले काम पूरी तरह से ठप हो चुका है और दिन में सौ से ज्यादा की कमाई नहीं हो रही है जिससे घोड़ों का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। ऐसे में नगर निगम ने उन्हें एक लाख 25 हजार देने को कहा है या फिर घोड़ों की लीद उठाने के लिए अपने कर्मचारी रखने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि वे पिछले कई वर्षों से यहां पर लोगों को घुड़सवारी करवाते हैं और घोड़ों की लीद नगर निगम के कर्मचारी उठाते आए हैं लेकिन अब नगर निगम उन्हें ही घोड़ों के लिए उठाने की व्यवस्था करने की बात कर रहा है। खेर एमसी प्रशसान ने घोड़ा संचालको की समस्या को देखते हुए स्थिति सामान्य होने तक राहत दी है। एमसी शिमला के आयुक्त आशीष कोहली ने बताया कि रिज मैदान पर घोड़ों की लीद से फैलने वाली गंदगी को एक बड़ी परेशानी है, सफाई कर्मचारियों को बार बार घोड़ों की लीद साफ करनी पड़ती हैं। इस देखते हुए एमसी घोड़ा संचालको से सफाई का खर्चा देेने या फिर अपनी व्यवस्था करने के दिशा निर्देश दिए है। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए फिलहाल इसे लागू नहीं किया जाएगा। गौर हो कि ऐतिहासिक रिज मैदान यूं तो अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं। लेकिन यहां घुड़सवारी का आनंद लेने अपने आप से अनोखा अनुभव रहता है। यहां आने वाला शायद ही ऐसो कोई सैलानी होगी सहित कोई स्थानीय बच्चा है, जिसने घुड़सवारी को आनन्द ना लिया हो। इस लोकप्रियता से घोड़ा संचालको अच्छी कमाई भी करते है, लेकिन कोरोना काल के चलते बीते साल से घोड़ा संचालको का काम मंदा पड़ता हैं। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील

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