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पंचतत्व में विलीन हुए विधायक नरेंद्र बरागटा, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

शिमला, 06 जून (हि.स.)। भाजपा के वरिष्ठ नेता, जुब्बल कोटखाई के विधायक, मुख्य सचेतक व पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा का पार्थिव शरीर रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। शिमला जिला के जुब्बल-कोटखाई स्थित उनके पैतृक गांव टेटोली में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़े पुत्र चेतन बरागटा ने उन्हें मुखाग्नि दी। नरेंद्र बरागटा का पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार के दौरान शनिवार की सुबह निधन हो गया था। शनिवार शाम उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया गया, जहां लोगों ने अपने नेता के अंतिम दर्शन किए। हिमाचल सरकार के कई मंत्री, राजनैतिक दलों के नेता अंतिम दर्शन के लिए रविवार को टेटोली पहुंचे। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजीव सैजल, वन मंत्री राकेश पठानिया, सांसद सुरेश कश्यप, सांसद इंदु गौस्वामी, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, ठियोग के विधायक राकेश सिंघा, प्रदेश भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, उप-महापौर शैलेन्द्र चैहान तथा पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने दिवंगत नरेन्द्र बरागटा को उनके पैतृक स्थान टेटोली में भावभीनि श्रद्धाजंलि अर्पित की तथा उनके परिवार को इस दुख की घड़ी को सहन करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। नरेंद्र बरागटा जमीन से जुड़े नेता रहे हैं। वह तीन बार विधायक और केबिनेट मंत्री रहे हैं। वर्ष 2007 से 2012 तक धूमल सरकार में बागवानी मंत्री के रूप में अप्पर शिमला में बागवानी के क्षेत्र में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किये। सेब के बगीचों को ओलों से बचाने के लिए एंटी हेल गन को पहली बार हिमाचल में लाने का श्रेय उन्हीं को जाता है। उनके निधन से जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र व राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है। सासंद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने शोक जताते हुए कहा कि नरेंद्र बरागटा के जाने से संगठन, सरकार एवं ऊपरी शिमला के बागवानी क्षेत्र जिसके लिए नरेंद्र बरागटा ने हमेशा संघर्ष किया और उनका ऐसे समय में जाना पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। कश्यप ने कहा कि ब्रागटा का जाना पूरे प्रदेश के लिए बड़ा नुकसान है उन्होंने पार्टी के विभिन्न दायित्वों का समय समय पर निर्वहन किया है और जिस काम को उन्होंने करने का प्रण लिया उसे पूरा किया। सरकार में भी उन्होंने कई बार मंत्री के रूप में प्रदेश के बागवानों की सेवा की, स्वास्थ्य मंत्री एवं शिक्षा मंत्री और विभिन्न दायित्वों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि आज जुब्बल, नावर एवं कोटखाई क्षेत्र के लिए लिए भी यह बहुत बड़ी क्षति है। नरेंद्र बरागटा ने हमेशा जनता की सेवा की है और अभी समस्याओं का समाधान किया है। कहा कि मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा एक लोकप्रिय नेता थे जिनका प्रदेश के विकास, विशेषकर बागवानी क्षेत्र, में बहुत योगदान रहा और उनका निधन अपूर्णीय क्षति है। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील

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