mandi-municipal-corporation-independents-and-rebels-are-spoiling-the-game-of-bjp-congress
mandi-municipal-corporation-independents-and-rebels-are-spoiling-the-game-of-bjp-congress

मंडी नगर निगम : निर्दलीय व बागी बिगाड़ रहे हैं भाजपा कांग्रेस का खेल

मंडी, 30 मार्च (हि. स.)। नगर निगम चुनावों के प्रचार के लिए अब महज छ दिन ही बाकी बचे हैं। पांच अप्रैल की शाम को चुनाव प्रचार थम जाएगा क्योंकि सात अप्रैल को वोटिंग होनी है। ऐसे में अब उम्मीदवारों के पास हर दरवाजे पर दस्तक देना काफी चुनौती भरा हो गया है। भाजपा ने एक सोची समझी रणनीति के तहत हर वार्ड में घेराबंदी करके अपने मंत्रियों, विधायकों व दिग्गजों को उतारा है जो अपने हिसाब से किसी भी तरह से वोटरों तक पहुंच बनाने में जुटे हैं। जहां तक कांग्रेस की बात है तो कांग्रेस के उम्मीदवार अपने व अपने समर्थकों के दम पर ही जंग लड़ रहे हैं। उनके प्रचार से दिग्गज गायब है। आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत झौंक रखी है। उनके प्रचार में बाहर से आए दिग्गज भी नजर आ रहे हैं और केजरीवाल के दिल्ली मॉडल का हवाला देकर वोट मांगे जा रहे हैं। पूरी गंभीरता के साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कुछ वार्डों में मुकाबले को तिकोना या चौकोना बनाने की जी तोड़ कोशिश में लगे हैं। अभी तक जो तस्वीर नजर आ रही है उससे भाजपा कांग्रेस में जहां कांटे की टक्कर है, दोनों ही दल पूरी दौड़ में बने हुए हैं,परिणाम कुछ भी हो सकता है। वहीं कुछ वार्डों में निर्दलीय व बागियों के बढ़ते प्रभाव ने दोनों दलों के माथे पर बल डाल रखे हैं। यूं तो 75 उम्मीदवारों में 15 भाजपा, 15 कांग्रेस व 13 आम आदमी पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ रहे हैं और इसके अलावा 32 अन्य उम्मीदवारों में एक दर्जन बागी व इतने ही आजाद उम्मीदवार ऐसे हैं जो टक्कर में नजर आ रहे हैं। कुछ बागियों व आजादों ने अपने को अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर दिया है जिससे ऐसा लगने लगा है कि 15 सदस्यीय नगर निगम में यदि दो या तीन चेहरे बागियों या आजाद उम्मीदवारों के नजर आ जाएं तो कोई हैरानी नहीं होगी। आजाद व बागी उम्मीदवारों ने अपने गगनचुंबी वायदों वाले पोस्टर व पर्चे छपवाकर प्रचार चलाया हुआ है जबकि भाजपा व कांग्रेस के विजन डाक्युमेंट यानि घोषणापत्र अभी आने बाकी है। लोग इनके घोषणापत्रों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि सत्ता तो मुख्य तौर पर इन दो दलों में से किसी एक के हाथ आनी है। यूं आने वाले छ दिनों में दलों की रणनीति तस्वीर को कुछ बदल तो सकती है। मगर फिर भी ऐसा कहीं से नहीं लग रहा है कि किसी भी दल का एक तरफा रूझान नजर आ रहा हो। यही कारण है कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के गृह जिला की इस नगर निगम में जंग बेहद रोचक दौर में पहुंच गई है। हिन्दुस्थान समाचार/मुरारी/सुनील

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in