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कारगिल युद्ध में पहली शहादत पाने वाले कै. सौरभ कालिया की जीवनी पर प्रकाशित होगी पुस्तक

धर्मशाला, 23 जनवरी (हि.स.)। कारगिल युद्ध में पहली शहादत पाने वाले कैप्टन सौरभ कालिया की जीवनी पर शीघ्र पुस्तक प्रकाशित की जाएगी। कारगिल युद्ध में पालमपुर के बलिदानियों की परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बतरा की जीवनी पर पूर्व में आई कॉमिक्स के बाद यह दूसरी किताब होगी। यह बात देश के दो युवा लेखकों पटना के त्रिलोकीनाथ शर्मा व दिल्ली की श्रेया अरोड़ा ने सौरभ कालिया से प्रेरित कविता संग्रह ‘ब्रेवहर्ट ऑफ मदरलेंड, द कारिगल हीरो’ के लोकार्पण के अवसर पर रविवार को कही। हिंदी व अंग्रेजी में कारगिल युद्ध के बलिदानियों पर देशभर के लेखकों का संग्रहण कर तैयार की पुस्तक का विमोचन चार जाट रेजिमेंट के पूर्व ऑफिसर कमांडिंग सेवानिवृत्त कर्नल शक्ति चंद शर्मा ने शहीद सौरभ कालिया की माता विजया कालिया व पिता डॉ. एनके कालिया सहित लेखक स्वजनों की उपस्थिति में किया। उन्होंने युवा लेखकों के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि पुस्तक में देश भर से शहीदों की स्मृतियों को पंक्तिबद्ध किया गया है। यह पुस्तक आगामी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। शहीद के पिता डॉ. एनके कालिया ने कहा कि उनके लिए यह दिन बहुत ही ऐतिहासिक दिवस है। शहीद की माता विजय कालिया ने कहा कि वह आज बहुत गर्व महसूस कर रहीं हैं। लेखकों ने कैप्टन सौरभ पर अच्छी पुस्तक लिखकर सच्ची श्रद्धांजलि दी है। अपने लाडले की शहादत पर प्रकाशित कविता संग्रह में सबसे पहले अपने बेटे से संबंधित लेख से स्वजन बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई कर रही लेखिका श्रेया अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने कारगिल युद्ध के शहीदों पर कहानियों से प्रेरित होकर पुस्तक प्रकाशन का प्रण लिया। इसके लिए देशभर से लोगों का सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि कै. सौरभ कालिया की जीवनी पर पुस्तक लिखने के लिए सेना से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जा रहा है। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से मॉस मीडिया की पढ़ाई कर रहे सहलेखक त्रिलोकीनाथ शर्मा ने बताया कि पुस्तक लेखन की प्रेरणा उन्हें बीएसएफ में सेवारत पिता मनोज कुमार शर्मा से मिला। उन्होंने बताया कि सातवीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान वह कारगिल युद्ध पर फिल्म देख रहे थे और उसमें सबसे पहले कै. सौरभ कालिया का जिक्र था। इससे प्रेरित होकर उन्होंने अपने पिता से बलिदानी के बारे में ज्ञान हासिल किया व कविता संग्रहण की ठान ली। उन्होंने बताया कि हमारा ध्येय है कि इस पुस्तक को सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों तक पहुंचाना है। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील-hindusthansamachar.in

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