नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद सुक्खू सरकार पर लगातार संकट के बादल मंडरा रहें थे। जिसके बाद प्रदेश में चल रहें सियासी उठा-पटक के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे को कांग्रेस पार्टी के आलाकमान ने आभी नहीं मंजूर किया है। आपको बता दें सीएम सुक्खू के खिलाफ करीब 26 विधायकों ने मोर्चा खोल रखा था। वहीं सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विरोध करते हुए प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मंत्रीपद से इस्तीफा दे कर इस मामले को और तूल दे दिया।
राज्यसभा चुनाव के बाद सियासी हलचाल हुई तेज
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में बीते मंगलवार को हुए राज्यसभा चुनाव के बाद से सियासी हालात बदल रहें है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया था, और भाजपा ने हर्ष महाजन के अपना प्रत्याशी बनाया था। मंगलवार को जब चुनाव के परिणाम आए तो भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन और कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को बराबरी के वोट मिले। जिसमें कांग्रेस के छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की खबर समने आई। इस चुनाव में दोनों दलों के पास 34-34 का आंकड़ा हो गया और फिर पर्ची डालने के बाद बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष वर्धन की जीत हुई। जिसके बाद कांग्रेस के पास 34 विधायक रह गए। इससे कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई।
कुल 26 विधायक सुक्खू से नाराज
कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने से भाजपा ने प्रदेश में सियासी उलटफेर शुरू कर दी। भाजपा राज्यसभा चुनाव में मतदान के बाद कांग्रेस पार्टी के क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 विधायकों को पंचकूला लेकर चली गई। पंचकूला पहुंचे 6 विधायकों ने मांग की जबतक पार्टी सुक्खू को सीएम पद से नहीं हटाती है, तबतक वह नहीं लौटेंगे। हालांकि आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सभी बागी विधायक सदन में पहुंच गए। वहीं सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस के बीच मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कुल 26 विधायक सुक्खू से नाराज हैं। इसको देखते हुए सुक्खू ने सीएम पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी। फिलहाल, अभी इस पर कोई फैसला नहीं आया है। हलांकि इस्तीफे की खबर को सीएम सुक्खू ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
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