नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने आज कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया। स्पीकर ने बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी। कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा में बागी विधायकों के खिलाफ याचिका दर्ज की थी। इस मामले पर आज स्पीकर ने विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला सुनाया।
विधायकों की सदस्यता रद्द करने पर बोले स्पीकर
विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि "इन विधायकों ने अपने उम्मीदवार की जगह विपक्ष के नेता को वोट दिया। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की जगह BJP के हर्ष महाजन के पक्ष में वोट देकर उन्हें जीताया। ये विधायक किसी और पार्टी से चुनाव जीतते हैं और किसी और विधायक को वोट देते हैं। बुधवार को विधानसभा में बजट पेशी के दौरान भी बागी विधायक विधानसभा में मौजुद नहीं हुए। इसलिए इन सभी 6 विधायकों की सदस्यता रद्द की जाती है। यहां आया राम गया राम नहीं चलेगा।"
सुक्खू की कुर्सी पर खतरा मंडरा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार की सत्ता होने के बावजुद भी मात्र 1 सीट के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में हार गई। हिमाचल विधानसभा में कुल 68 सीटे हैं जिसमें से 40 सीटे कांग्रेस की, कांग्रेस के समर्थन में निर्दलीय 3 सीट और 25 सीटें BJP के पास है। राज्यसभा चुनाव का सांसद बनने के लिए हर उम्मीदवार को जीतने के लिए 34 वोटों की आवश्यकता होती है। हुआ यूं कि कांग्रेस के 6 विधायकों ने BJP के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। इस दौरान निर्दलीयों ने भी BJP के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। अब दोनों दलों के कुल वोट एक समान होकर 34 पर अटक गए। उसके बाद पर्ची डालकर फैसला हुआ। जिसमें BJP उम्मीदवार हर्ष महाजन ने जीत हासिल कीं।
हुड्डा-शिवकुमार बने कांग्रेस के संकट मोचन
इसके बाद 28 फरवरी को कांग्रेस नेता विक्रमादित्य ने सुक्खू सरकार का कार्यनीति से नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की। दिल्ली हाईकमान ने हिमाचल में पार्टी की सत्ता बचाने के लिए हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को संकट मोचन बनाकर शिमला भेजा। दोनों नेताओं ने विक्रमादित्य को शांतिपूर्वक समझाया और पार्टी की नाक डूबने से बचाई।
बागियों की सदस्यता क्यों हुई रद्द?
हिमाचल विधानसभा में 28 फरवरी को बजट पेश हुआ। इस दौरान कांग्रेस के 6 बागी विधायक विधानसभा में मौजुद नहीं थे। सभी बागी विधायक हरियाणा के पंचकूला में रिजॉर्ट में ठहरे हुए थे। कांग्रेस ने नाराज विधायकों को मनाने की भी कोशिश की। बुधवार को सभी विधायक शिमला लौटे लेकिन उस दौरान वह कांग्रेस के किसी भी सदस्य से नहीं मिले। इसी कारण विधानसभा स्पीकर ने आज सभी बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया। इसके बाद सभी बागियों की सदस्यता रद्द कर दी।
कौन हैं कांग्रेस के 6 बागी विधायक?
1. धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा
2. सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा
3. कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भुट्टो
4. गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा
5. लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर
6. बड़सर के विधायक इंद्र दत्त
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