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भारत सरकार से सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शुरू होगा सुकेती खड्ड के तटीकरण का कार्य: महेंद्र सिंह

शिमला, 04 मार्च (हि.स.)। जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि बल्ह हलके में सुकेती खड्ड के तटीकरण को 504.18 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की गई है। वीरवार को विधानसभा में प्रश्रकाल के दौरान विधायक इंद्र सिंह के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस खड्ड के चैनेलाइजेशन के लिए सरकार गंभीर है। इस खड्ड के किनारे हवाई अड्डा भी बनना है और फोर लेन भी इस खड्ड के दोनों ओर है। उन्होंने कहा कि बल्ह व नाचन हलके की उपजाऊ जमीन भी बरसात में इस खड्ड में पानी बढऩे पर खराब होती है। उन्होंने कहा कि यह मामला टीएसी में लगने वाला है और फिर वहां से क्लीयरेंस मिलने के बाद मामले आगे जाएगा और फिर जाकर चैनेलाइजेशन का कार्य शुरू होगा। इसका लाभ तीन हलकों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जैसे ही भारत सरकार से सारी औपचरिकताएं पूरी होंगी, इस खड्ड के चेनेलाइजेशन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उधर बिक्रम सिंह जरियाल के सवाल पर जलशक्ति मंत्री ने कहा कि भटियात में जलशक्ति विभाग का मंडल कार्यालय खोलने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इनके विधानसभा हलके में जब भी मु यमंत्री का दौरा बनेगा और उस समय जो सीएम आदेश देंगे, उसके मुताबिक विभाग आगे कार्य करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल शिमला, 04 मार्च (हि.स.)। जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में पूर्व सैनिकों के 2079 पद रिक्त हैं। इनको भरने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिक न मिलने की स्थिति में उनके आश्रितों को भी नौकरी देने का प्रावधान है। यह बात उन्होंने गुरुवार को विधानसभा में प्रश्रकाल के दौरान भटियात के विधायक बिक्रम सिंह जरयाल के सवाल के जवाब में कही। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक पद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में खाली है। यहां पर 769 पद पूर्व सैनिकों के कोटे के खाली हैं। इसी तरह उच्च शिक्षा विभाग में 122, गृह विभाग में 81, आयुर्वेदिक विभाग में 46, राजस्व विभाग में 29, स्वास्थ्य विभाग में 131, उद्योग विभाग में 14, बिजली बोर्ड में 137, जल शक्ति विभाग में 41 व सचिवालय में 29 पद रिक्त हैं। उन्हों बताया कि भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों के लिए उपयुक्त उ मीदवार यदि नहीं मिले तो 2 साल तक पदों के लिए साक्षात्कार बुलाए जाते हैं। यदि उपयुक्त उ मीदवार न मिले तो फिर एक साल और प्रतिक्षा कर साक्षात्कार के लिए समय दिया जाता है। इसके बाद उपयुक्त उ मीदवार नहीं मिलने पर पूर्व सैनिकों के आश्रितों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। उपयुक्त उम्मीदवार के लिए 2 साल का इंतजार किया जाता है। इसके बाद और एक साल का समय और दिया जाता है। इसके बाद भी यदि उपयुक्त उ मीदवार न मिले को इन रिक्तियों को सामान्य वर्ग के कोटे में डाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए 15 फीसदी पद विभिन्न विभागों में सृजित हैं। इनमें सेना से रिटायर होने वाले जवानों को नियुक्ति मिलती है और उनकी योग्यता के मुताबिक पद मिलते हैं। भाजपा सदस्य विक्रम जरियाल ने सवाल किया था कि विभिन्न विभागों में पूर्व सैनिकों के आश्रितों के कितने पद खाली हैं और उनकी क्या स्थिति है। वहीं कर्नल इंद्र सिंह ने अनुपूरक सवाल किया था कि कितने उप निदेशक के पद सृजित है और कितने पद खाली हैं। उन्होंने प्लेसमेंट को लेकर भी सवाल किया था। इस पर महेंद्र सिंह ने कहा कि छह जिलों में उपनिदेशक के पद खाली हैं और इन पदों को भरने को केबिनेट से मंजूरी मिल गई है और इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने विधायक कर्नल इंद्र सिंह की तरफ से पूछे गए अनुपूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार भूतपूर्व सैनिकों को घर के नजदीक नौकरी देने पर विचार करेगी, क्योंकि सेना में रहते हुए उनका अधिकतर समय घर से बाहर बीतता है। विधायक राजेश ठाकुर के एक अन्य सवाल के जवाब में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा है कि गगरेट विधानसभा क्षेत्र में नाबार्ड के अंतर्गत 3 योजनाएं स्वीकृत हैं। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल

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