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आईजीएमसी में 20 किलोलीटर लिक्विड आक्सीजन संयंत्र शुरू

शिमला, 30 मई (हि.स.)। कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में ऑक्सीजन संयंत्र का संचालन शुरू हो गया है। 1.50 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित 20 किलोलीटर लिक्विड आक्सीजन संयंत्र का रविवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुभारंभ किया। इन अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में स्थापित 20 किलोलीटर ऑक्सीजन संयंत्र कोविड-19 रोगियों तथा अन्य रोगियों के लिए निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के स्थापित होने से चिकित्सा महाविद्यालय की ऑक्सीजन क्षमता 525 सिलेंडर से बढ़कर 1600 सिलेंडर से अधिक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, शिमला की आपातकालीन प्रयोगशाला 24 घंटे कार्यशील रहेगी। इससे पूर्व, जयराम ठाकुर ने कमला नेहरू अस्पताल शिमला में 41 लाख रुपये की लागत से स्थापित आधुनिक एक्स-रे संयंत्र, 67 लाख रुपये की लागत से स्थापित 4-डी अल्ट्रासांउड मशीन तथा 65 लाख रुपये की लागत से स्थापित मेडिकल आक्सीजन संयंत्र का भी शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के कारण अनाथ हुए सभी बच्चों के लिए ‘पीएम-केयर्स फाॅर चिल्ड्रन’ योजना की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। इस योजना में प्रत्येक बच्चे के लिए 18 वर्ष की आयु तक 10 लाख रुपये का काॅर्पस शामिल होगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को केन्द्रीय, नवोदय तथा सैनिक विद्यालयों इत्यादि में दाखिला दिया जाएगा तथा सरकार द्वारा उनकी पढ़ाई का खर्च वहन किया जाएगा। सरकार निजी विद्यालयों में पढ़ रहे ऐसे विद्यार्थियों की पढ़ाई का खर्च भी वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रत्येक विद्यार्थी को आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत किया जाएगा तथा 18 वर्ष की आयु तक इन बच्चों की प्रीमियम राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ऐेसे बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी भलाई के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत प्रत्येक अनाथ बच्चे को प्रतिमाह 3500 रुपये प्रदान किए जाएंगे, जिसमें से 2000 रुपये केंद्र सरकार और 1500 रुपये राज्य सरकार प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे इच्छुक हों तो सरकार ऐसे अनाथ बच्चों को बाल देखभाल केंद्रों में दाखिल करने को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि अनाथ लड़कियों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में दाखिले में प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य सरकार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत अनाथ लड़कियों को 51000 रुपये प्रदान करेगी। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील

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