पीपीई किट घोटाले के आरोपी को अदालत से मिली जमानत
शिमला, 12 जून (हि.स.)। पीपीई किट खरीद में निलंबित स्वास्थ्य निदेशक को घूस देने के मामले में गिरफ्तार आरोपी पृथ्वी सिंह को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया है। पुलिस रिमांड पूरा होने पर आरोपी को शुक्रवार को शिमला की जिला एवं सत्र अदालत में पेश किया गया था। विजिलेंस की तरफ से अदालत में बताया गया कि आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ पूरी की जा चुकी है। इसके बाद अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने का फैसला सुनाया। विजिलेंस ने एक आडियो वायरल होने के मामले की जांच करते हुए पृथ्वी सिंह को गत छह जून की रात को गिरफ्तार किया था। इसके अगले दिन आरोपी को अदालत ने पांच दिन के रिमांड पर भेजा था। पिछले कल गुरूवार को विजिलेंस ने अदालत से आरोपी का एक दिन का और रिमांड हासिल किया था। पृथ्वी सिंह एक कंपनी का एजेंट है और उसने निलंबित स्वास्थ्य निदेशक का रिश्वत मांगने को लेकर ऑडियो बनाया, जो कि तेजी से वायरल हो गया था। 43 सैकण्ड की आडियो क्लिप में पृथ्वी सिंह और तत्कालीन स्वास्थ्य निदेशक डाॅक्टर एके गुप्ता के बीच पांच लाख रूपये के लेन-देन की बात हो रही है। सूत्रों के अनुसार रिमांड के दौरान विजिलेंस ने यह पता लगाया कि पृथ्वी सिंह ने डाॅक्टर गुप्ता को 50 हजार रूपये की घूस दी थी। हालांकि यह राशि कब और कहां दी गई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। विजिलेंस ने पृथ्वी सिंह का मोबाइल जब्त कर उसकी फारेंसिक जांच करवाई और पीपीई किट की खरीद से जुड़ी तीन अन्य आडियो क्लिप बरामद की। विजिलेंस की तरफ से दावा किया गया है कि इन आडियो क्लिप में स्वास्थ्य विभाग में पीपीई किट की खरीद को लेकर पृथ्वी सिंह और डाॅक्टर गुप्ता के बीच पैसों के लेन-देन को लेकर बातचीत हुई है। जांचे एजेंसी द्वारा इन दोनों के आवाज के नमूने लेकर फारेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस मामले में निलंबित स्वास्थ्य निदेशक डाॅक्टर गुप्ता की पत्नी की संलिप्तता भी सामने आई है तथा विजिलेंस की एसआईटी उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। बहरहाल गिरफतारी के डर से डाॅक्टर गुप्ता की पत्नी ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत में याचिका दाखिल की है। उल्लेखनीय है कि लेन-देन का आडियो वायरल होने के बाद विजिलेंस ने गत 20 मई को एफआईआर दर्ज कर तत्कालीन स्वास्थ्य निदेशक डाॅक्टर अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया था। विजिलेंस ने रिमांड पर लेकर डाॅक्टर गुप्ता से पूछताछ की थी। 30 मई को अदालत ने स्वास्थ्य निदेशक को जमानत पर रिहा कर दिया था। इस मामले से राज्य की सियासत में उस वक्त भूचाल आया, जब राजीव बिंदल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया। तब बिंदल का यह कहना था कि इस मामले को उनके साथ जोड़ा जा रहा है तथा वह निष्पक्ष जांच के लिए अपने पद से नैतिक आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले में सतारूढ़ भाजपा सरकार पर लगातार हमले बोल रही है। विपक्षी नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के इस्तीफे की मांग की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/उज्जवल/सुनील-hindusthansamachar.in