अतीक की पत्नी शाइस्ता के नाम से गुरुग्राम में अरबों का कारोबार, एसटीएफ कसेगी तकड़ा शिकंजा

गुरुग्राम से संचालित इन कंपनियों पर यूपी एसटीएफ की पैनी नजर है और इन पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है।
अतीक की पत्नी शाइस्ता के नाम से गुरुग्राम में अरबों का कारोबार
अतीक की पत्नी शाइस्ता के नाम से गुरुग्राम में अरबों का कारोबार

गुरुग्राम, एजेंसी। आतंक का बड़ा चेहरा माफिया डॉन रहे अतीक अहमद का गुरुग्राम से भी कनेक्शन है। पता चला है कि गुरुग्राम में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम से अरबों रुपये का कारोबार है। यह ज्यादा काम उनका यहां रियल एस्टेट कंपनियों के नाम पर है। शाइस्ता परवीन के भाइयों यानी अतीक के सालों के नाम पर भी बनाई गई कंपनियों में अरबों के निवेश का खुलासा हुआ है।

अतीक अहमद ने अपनी काली कमाई से अरबों रुपये का कारोबार खड़ा किया

गुरुग्राम से संचालित इन कंपनियों पर यूपी एसटीएफ की पैनी नजर है और इन पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। माफिया डॉन अतीक अहमद राजनीति में रहते हुए भी अपराध की दुनिया से संलिप्त रहा। यूपी में वे 5 बार विधायक रहे और एक बार सांसद बने थे। अतीक अहमद ने अपनी काली कमाई से अरबों रुपये का कारोबार खड़ा किया। उन्होंने यूपी से हरियाणा के गुरुग्राम तक अपना साम्राज्य फैलाया। काली कमाई को उन्होंने रियल एस्टेट में ही खर्च करके उससे कई गुणा पैसा बनाया।

गुरुग्राम में रियल एस्टेट का कारोबार

अतीक अहमद ने गुरुग्राम में फना एसोसिएटेड प्रा. लि. कंपनी अपने नाम से शुरू की। फिर उन्होंने फना एसोसिएटेड प्रा. लि. से दूसरी कंपनी शुरू की, जो कि उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम से पंजीकृत है। मैसर्ज जाफरी स्टेट लिमिटेड कंपनी के माध्यम से उनका गुरुग्राम में रियल एस्टेट का कारोबार है। यह कंपनी शाइस्ता परवीन के नाम पर है।

रिश्तेदारों के नाम से इन कंपनियों में बहुत से बिजनेस पार्टनर भी हैं

अतीक की पत्नी शाइस्ता के भाई यानी अतीक के साले फारूख और जकी के नाम से भी गुरुग्राम में कंपनियां पंजीकृत हैं। इनमें एमजे इंफ्रा लैंड एलएलपी, एमजे इंफ्रा ग्रीन प्रा. लि., एमजे इंफ्रा हाउसिंग, एमजे इंफ्रा हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। अतीक व उसके परिवार, रिश्तेदारों के नाम से इन कंपनियों में बहुत से बिजनेस पार्टनर भी हैं। उन्होंने इनमें निवेश किया हुआ है। यूपी एसटीएफ की ओर से गुरुग्राम में कारोबार की बारीकी से कुंडली खंगाली जा रही है, ताकि यहां पर भी शिकंजा कसा जा सके।

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