नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार खतरे में आ गई है। लोकसभा चुनाव के बीच राज्य में बीजेपी सरकार के समर्थन दे रहे 3 निर्दलीय विधायकों पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ने अपना समर्थन वापस ले लिया है।
क्या है वजह?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्टस् के अनुसार, तीनों निर्दलीय विधायकों ने कहा कि वो सरकार की नीतियों से खुश नहीं थे इसलिए बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।
हरियाणा में बीजेपी की जा सकती है कुर्सी?
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं जिसमें से बीजेपी के पास 41 सीटें हैं। इसके अलावा बीजेपी के पास 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था। लेकिन 3 निर्दलीयों ने अपना समर्थन वापस ले लिया अब बीजेपी 44 में ही सिमट के रह गई। हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है। ऐसे में कांग्रेस भी अपनी सरकार बनाने के लिए कूद सकती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार का दामन छोड़ने वाले तीनों विधायक इस समय कांग्रेस के दिग्गज नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के संपर्क में हैं।
क्या है बीजेपी का अगला दांव?
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 10 सीटों पर NDA की सहयोगी दल रह चुकी जननायक जनता पार्टी (JJP) के पास है। आपको बता दें कि JJP के 7 विधायकों में पार्टी से नाराजगी चल रही है। इस बात का फायदा बीजेपी उठा सकती है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी JJP के नाराज विधायकों से संपर्क करने में जुटी है। विधानसभा के पट पर जब उपचुनाव होंगे तब बीजेपी के पास 44 वोट पहले से मौजुद हैं ऐसे में JJP के 7 विधायकों ने बीजेपी के समर्थन में क्रॉस वोटिंग की या फिर अगर विधानसभा में उपस्थित न रहें तो बीजेपी आसानी से विश्वासमत हासिल कर लेगी।
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