बिना डिग्री बिना पंजीकरण के चला रहे थे फर्जी डॉक्टर अस्तपाल, हुआ पर्दाफाश

सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली थी कि गुरुग्राम के बजघेड़ा क्षेत्र में नजफगढ़ रोड पर आनंद अस्पताल नाम से एक निजी अस्पताल संचालित किया जा रहा है।
बिना डिग्री, बिना पंजीकरण के चला रहे थे फर्जी डॉक्टर अस्तपाल
बिना डिग्री, बिना पंजीकरण के चला रहे थे फर्जी डॉक्टर अस्तपाल

गुरुग्राम, एजेंसी। सीएम फ्लाइंग ने गुरुवार को एक ऐसे अस्पताल का पर्दाफाश किया है, जिसका कोई पंजीकरण नहीं था। ना ही वहां पर मरीजों का उपचार करने वाले डॉक्टर के पास कोई डिग्री थी। ऊपर से बिजली भी चोरी करते थे। मात्र 13 बेड के इस अस्पताल में मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा था।

मरीजों का उपचार करने वाले डॉक्टर्स के पास कोई अधिकारिक डिग्री नहीं

जानकारी के अनुसार सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली थी कि गुरुग्राम के बजघेड़ा क्षेत्र में नजफगढ़ रोड पर आनंद अस्पताल नाम से एक निजी अस्पताल संचालित किया जा रहा है। यह 13 बेड का अस्पताल है। यहां पर मरीजों का उपचार करने वाले डॉक्टर्स के पास कोई अधिकारिक डिग्री नहीं है। वह फर्जीवाड़े करके मरीजों का उपचार करता है। अस्पताल का कोई पंजीकरण नहीं है। यह सब जानकारी पुख्ता होने पर सीएम फ्लाइंग ने छापेमारी की योजना तैयार की। स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर सीएम फ्लाइंग ने छापेमारी की। अस्पताल का संचालक मौके पर मौजूद मिला, जो टीम को अस्पताल के रजिस्ट्रेशन से संबंधित कागजात नहीं दिखा सका। इससे साफ हो गया कि यह अस्पताल पूरी तरह से फर्जीवाड़ा करके चलाया जा रहा है।

बाहरी प्रदेशों के लोग चला रहे थे फर्जी अस्पताल

पूछताछ में यह सामने आया कि आनंद अस्पताल को मध्य प्रदेश के भिंड जिला निवासी रामबीर, यूपी के सीता जिला निवासी विकास भारद्वाज, दिल्ली निवासी नंदकिशोर और झारखंड निवासी मंतू कुमार मिलकर संचालित कर रहे थे। काफी समय से इस अस्पताल को संचालित किया जा रहा था। यहां मरीजों से ओपीडी फीस के रूप में मोटी रकम वसूली जाती थी। प्राथमिक जांच व पूछताछ में पता चला है कि आरोपी रामबीर ही बिना डिग्री के ही यहां मरीजों का उपचार करता था। अस्पताल में 13 बेड डाले गए थे। इस फर्जी अस्पताल में एक ऑपरेशन थियेटर, एलोपैथिक दवाइयों समेत अस्पताल के कागजात बरामद हुए हैं। अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सील कर दिया गया। साथ ही आरोपी रामबीर, नंदकिशोर, मंतु कुमार और विकास भारद्वाज के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

अस्पताल में चोरी की बिजली होती थी यूज

अस्पताल में जांच-पड़ताल के दौरान छापेमारी टीम को यह भी पता चला कि अस्पताल में बिजली भी चोरी की जा रही थी। बिजली निगम के अधिकारियों को सीएम फ्लाइंग ने इसकी सूचना दी। मौके पर बिजली निगम की टीम ने अस्पताल के उपकरणों की जांच-पड़ताल करके वहां के लोड के हिसाब से जुर्माना भी लगा दिया।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in