उत्पीड़न की शिकार होने पर भी महिलाएं दर्ज नहीं कराती शिकायत, प्रभावी रूप से लागू हो कानून: स्वाति मालीवाल

स्वाति मालीवाल ने कहा कि संस्थानों को इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। महिलाओं को इससे निपटने का प्रशिक्षण देना चाहिए।
दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल
दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल

गुरुग्राम, एजेंसी। दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने पोश अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न अभी भी ऐसा विषय माना जाता है, जिसकी चर्चा समाज में खुले रूप में नहीं की जा सकती। यही कारण है कि अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामलों की अधिकांश महिलाएं शिकायत ही नहीं दर्ज कराती। यह बात उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडन रोकने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कही।

स्वाति मालीवाल ने कहा कि यौन शोषण हो तो वे तुरंत अपनी आवाज उठाएं

स्वाति मालीवाल ने कहा कि संस्थानों को इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। महिलाओं को इससे निपटने का प्रशिक्षण देना चाहिए। जब तक समाज में महिलाओं को बेहतर वातावरण नहीं मिलेगा, महिलाओं का जीवन सही नहीं हो पाएगा। उन्होंने महिलाओं से भी यह आग्रह किया कि उनके साथ जब भी कहीं यौन शोषण हो तो वे तुरंत अपनी आवाज उठाएं। खुद के लिए न्याय पाने को खड़ी हो जाएं।

पोश अधिनियम का प्रभावी ढंग से लागू करना बहुत जरूरी है

महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने वाली पिंकी आनंद ने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने और यौन उत्पीड़न रोकने के लिए पोश अधिनियम का प्रभावी ढंग से लागू करना बहुत जरूरी है। देश की कंपनियों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पोश अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करना ही होगा। विपिन पचौरी ने कहा कि इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी दर्शाती है कि कॉरपोरेट्स के परंपरागत विचारों में बदलाव आ रहा है। उन्होंने यौन उत्पीडनके मामलों की जांच करने वाली इंटरनल कमेटी के सदस्यों को प्रशिक्षित करने की जरूरत पर भी बल दिया, जिससे पूर्ण रूप से निष्पक्ष और मामले के सभी पहलों को ध्यान में रखते हुए जांच की जा सके।

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