नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। गुजरात सरकार ने हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म अपनाने वालों के लिए एक सर्कुलर जारी कर दिया है। उन्होंने इस सर्कुलर के माध्यम से स्पष्ट कर दिया है कि बौद्ध, सिख या जैन धर्म एक अलग धर्म है। अगर कोई हिंदू व्यक्ति अपना धर्म बदलकर इन धर्मो को अपनाता है तो उसे पहले जिला मजिस्ट्रेट से इसकी अनुमति लेनी होगी। राज्य सरकार ने अपने सर्कुलर के माध्यम से साफ कर दिया है कि हिन्दू धर्म से इन धर्मो में रूपांतरण के लिए व्यक्ति को गुजरात स्वतंत्रता अधिनियम 2003 के प्रोविजन के तहत जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी।
हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म में परिवर्तन के लिए आवेदन में नियमों का पालन नहीं हो रहा है
गुजरात सरकार के गृह विभाग ने 8 अप्रैल 2024 को सर्कुलर जारी करके, इसके माध्यम से हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म को अपनाने वाले व्यक्तियों के लिए कहा है कि गुजरात सरकार ने पाया कि हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म में परिवर्तन के लिए आवेदन में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। गुजरात में हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म में परिवर्तन के मामले हर साल दशहरा और अन्य त्योहारों के समय होते थे। जिसमे नियमों का पालन नहीं किया जाता था। कई आवेदकों को यह भी नहीं पता था कि हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म में परिवर्तन के लिए पहले अनुमति लेनी जरुरी होती है। ये आवेदक यह कहते हुए पाए गए कि हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म में परिवर्तन के लिए किसी प्रकार की कोई अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है। इसी कारण से उन्होंने यह फैसला लिया है।
गुजरात सरकार के गृह विभाग के सर्कुलर के अनुसार बौद्ध धर्म हिन्दू धर्म से अलग है
गुजरात सरकार के गृह विभाग के सर्कुलर के अनुसार बौद्ध धर्म, सिख धर्म या जैन धर्म हिन्दू धर्म से अलग है। इसमें कहा गया है कि गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत बौद्ध धर्म को एक अलग धर्म माना जाएगा। इसके अनुसार हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म, सिख धर्म या जैन धर्म में किसी को परिवर्तन करवाने वाले व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट से पहले अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को निर्धारित सरकारी प्रारूप में लिखित जानकारी जिला मजिस्ट्रेट को देनी होगी।
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