लॉकडाउन में अपराधियों का कहर, आरटीआई से हुआ खुलासा
लॉकडाउन में अपराधियों का कहर, आरटीआई से हुआ खुलासा

लॉकडाउन में अपराधियों का कहर, आरटीआई से हुआ खुलासा

नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में कोरोना जैसी महामारी के कारण लोगों को करीब तीन माह तक चले लॉकडाउन में घर में रहना पड़ा था। वहीं अपराधी तब भी आराम से अपना कारनामा करने में जुटे हुए थे। इस दौरान सिर्फ अप्रैल और मई के दो महीनों में ही पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) को अपराध से जुड़ी करीब 20 हजार कॉल मिली। हालांकि पुलिस ने लॉकडाउन में अपराध का ग्राफ कम होने की बात बताई थी, लेकिन इन आंकड़ो को देखे तो पता चलता है कि पुलिस कितनी मुस्तैद रही। लॉकडाउन के दौरान हर अपराध की हुई कॉल आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल से लेकर 12 नवंबर तक 1323 शव मिलने की कॉल आई। इसमें अप्रैल और मई के माह में करीब 400 कॉल मिले जबकि जून और जुलाई में साढ़े चार सौ कॉल मिले। हालांकि अगले तीन महीने में ये कॉल कम हुए। यही नहीं लॉकडाउन के दौरान डकैती की 34, करीब 1300 सेंधमारी, अपहरण के 275, चोरी की 11122, हत्या के 206, रॉबरी की 1121, स्नैचिंग के 2518 और फायरिंग के 154 कॉल आए। इन दो महीनों में आत्महत्या से जुड़े 956 कॉल मिले। खास बात ये रही कि लॉकडाउन से ज्यादा अनलॉक में खुदकुशी से जुड़े कॉल आए। आरटीआई से हुआ आंकड़ो का खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल के महीने में 100 ( जोकि अब112) नंबर हो गया है। उक्त नम्बर पर कोरोना से जुड़े करीब 57 हजार कॉल आये। वो हर गुजरते महीने के साथ तेजी से कम होते चले गए, जो अगले छह महीने में करीब 99 प्रतिशत कम हो कर 700 के करीब रह गए। वहीं इस दौरान सड़क हादसे के मामले में करीब 600 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल माह में पूरे लॉकडाउन के बाद भी 112 नंबर पर 1147 कॉल आई, जो अक्टूबर माह में बढ़कर 6862 हो गए। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in

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