मनोज तिवारी ने लेबर बिल पर चर्चा करते हुए सदन में उठाया मजूदरों के हितों का मामला
नई दिल्ली, 24 सितम्बर (हि.स.)। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने गुरुवार को संसद में देश के विभिन्न प्रांतों के मजूदरों के हितों का मामला उठाया। सांसद तिवारी ने सदन में कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य में काम कराने जाने वाले मजूदरों को प्रवासी मजदूर कहा जाता है। इन प्रवासी मजदूरों का कहीं न कहीं मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। देश के हर नागरिक को देश के अंदर कहीं भी रोजी रोटी कमाने का अधिकार और उसमें वर्गीकरण नहीं होना चाहिए। सांसद तिवारी ने लोकसभा में पेश हुए लेबर बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान देश ने एक दुखद और बड़ा पलायन देखा। इस दौरान पलायन करने वाले मजदूरों को प्रवासी कहा गया और कहीं न कहीं उनके साथ वह व्यवहार नहीं किया गया, जिसके वह सही हकदार हैं। तिवारी ने कहा कि इन प्रवासी मजदूरों को केंद्र सरकार की तरफ से दी गई राहत दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों ने नहीं दी। इससे दुखी होकर वह पलायन करने के लिए मजबूर हुए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाली मुफ्त राशन की व्यवस्था इन मजदूरों को दिल्ली सरकार की तरफ से नहीं दी गई, क्योंकि दिल्ली सरकार के पास इन मजूदरों का लेखा जोखा उनके पास नहीं और न ही सरकार ने इसे सूचीबद्ध करने की कोई जरूरत समझी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लाखों कामगार व्यवस्था की इस चूक से प्रभावित हुए हैं। मुझे भरोसा है कि मोदी सरकार में इस लेबर बिल के माध्यम से कामगारों के हितों की रक्षा होगी। हिन्दुस्थान समाचार/वीरेन-hindusthansamachar.in