दिल्ली में 15 अगस्त पर सुस्त रही पतंगबाजी, कारोबार हुआ 80 फीसदी कम
दिल्ली में 15 अगस्त पर सुस्त रही पतंगबाजी, कारोबार हुआ 80 फीसदी कम

दिल्ली में 15 अगस्त पर सुस्त रही पतंगबाजी, कारोबार हुआ 80 फीसदी कम

नई दिल्ली, 15 अगस्त (हि.स.)। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के आसमान में पतंगबाजी का नजारा हर वर्ष देखने लायक होता है। पतंगबाजी के शौकीन लोग महीनों पहले से ही भिन्न-भिन्न प्रकार की पतंगें जुटाना शुरू करते और 15 अगस्त से पूर्व ही पतंग बाजी का शोर मचना शुरू हो जाता था। सुबह से ही पतंगबाजी के शौकीन हर उम्र के लोग घरों की छतों पर ऊंची आवाज में देश भक्ति के गाने बजाने के साथ ही पतंग उड़ाने का सिलसिला शुरू कर देते थे जिससे पूरा वातावरण राष्ट्रभक्तिमय हो जाता लेकिन इस बार ये सभी नजारे दिल्ली से गायब ही रहे और लोगों में पतंग उड़ाने को लेकर कोई खास उत्साह नहीं देखा गया। यही वजह रही कि पतंग कारोबारियों का धंधा भी बीते वर्षों के मुकाबले इस वर्ष मंदा ही रहा। इस बार देश में आई कोरोना महामारी के कारण सभी कारोबार ठप हैं, तो भला पतंग कारोबार इससे अछूता कैसे रहता।पीतमपुरा, रानीबाग निवासी 52 वर्षीय गंगाघर जिंदल पुरानी व धार्मिक पुस्तकों के साथ पतंग का कारोबार भी करते हैं। इन्होंने बताया कि वो बीते 30 वर्ष से अपने पुस्तक भंडार पर पतंग बेच रहे हैं। हर वर्ष 15 अगस्त, बसंत पंचमी, 26 जनवरी जैसे मौकों पर पतंग का अच्छा खासा कारोबार करते थे लेकिन इस बार का स्वतंत्रता दिवस सूना रहा। इस बार वो केवल लगभग 3300 रुपये का ही कारोबार कर पाए जबकि इससे पूर्व के वर्षों में यह व्यापार 25 से 30 हजार को पार कर जाता था। इस बार कोरोना महामारी के कारण लोगों ने पतंग खरीददारी में बहुत ही कम रूचि दिखाई है। सदर बाजार (लालकुआं) में हनीफ पतंग स्टोर के संचालक मो. रशीद ने बताया कि इस बार हमारा कारोबार चौपट हो गया। हमारे पास हर वर्ष दिल्ली से बाहर के लोग लाखों के माल का ऑर्डर जून-जुलाई में ही कर देते थे। इस बार कोरोना महामारी के दौर में लॉडाउन के कारण बाहरी पतंग खरीददार सदर बाजार नहीं पहुंचे, न ही इस बार बाजार में कोई नया थीम आया। उन्होंने बताया कि नई थीम पर पतंग की डिमांड बढ़ती है, तो लेबर को पहले ही काम पर लगाना पड़ता है। इस बार लेबर खाली भटक रही है, हमारे पास काम ही नहीं है। इस बार सब पुराना माल ही निकाल रहे हैं। कारोबार में बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 80 फीसदी तक की गिरावट आई है। पतंग के व्यापार के लिहाज से यह वर्ष मेरी जिंदगी का सबसे खराब वर्ष रहा है। सदर बाजार के मांझा कारोबारी रमेश शर्मा ने बताया कि उनके कारोबार पर कोरोना की बहुत गहरी मार पड़ी है, पहले चाइनीज मांझे के बंद होने से बाजार प्रभावित हुआ। इस बार कोरोना महामारी का प्रभाव है। इन दिनों हो रही बारिश की भी पतंग का कारोबार रोकने में अहम भूमिका निभा रही है। यदि कोई पतंग, मांझा व अन्य समान खरीदने के लिए घरों से निकलने का मन बनाए तो वो वह सदर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। यही सब कारण रहे कि इस बार दिल्ली में पतंगबाजी का शोर कम हुआ, कारोबारी निराशा में डूबे। दशकों से पतंग के कारोबार में लगे पतंग व्यापारियों ने माना कि इस बार उनके कारोबार में 80 फीसदी से अधिक की कमी आई। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/सुनीत-hindusthansamachar.in

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