नई दिल्ली, हिन्दुस्थान समाचार। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) कोल इंडिया लिमिटेड की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सहायक कंपनियों में से एक है। कंपनी अपने कार्य में विस्तार और विविधता लाने की रणनीति के हिस्से के रूप में आने वाले वर्षों में 600 मेगावाट क्षमता की छत और जमीन पर स्थापित सौर ऊर्जा परियोजनाओं का विकास करेगी।
"पंचामृत" के बड़े लक्ष्य के अनुरूप
कोयला मंत्रालय का कहना है कि यह रणनीति 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लिए कॉप-26 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित "पंचामृत" के बड़े लक्ष्य के अनुरूप है। एसईसीएल, मिनीरत्न पीएसयू, 1000 करोड़ रुपये से भी अधिक लागत पर उपरोक्त परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बना रही है। इनमें से कुछ परियोजनाएं रेस्को (नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी)/बीओओ (बिल्ड-ओन-ऑपरेट) मोड में कार्यान्वित की जाएंगी।
580 किलोवाट क्षमता की छत सौर परियोजनाएं शुरू की
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में फैले एसईसीएल के परिचालन क्षेत्रों में 180 मेगावाट से अधिक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं पहले से ही विकास के विभिन्न चरणों में हैं। इसने हाल ही में जोहिला, जमुना-कोटमा और कुसमुंडा क्षेत्रों में 580 किलोवाट क्षमता की छत सौर परियोजनाएं शुरू की हैं।