ration-kits-are-being-given-to-hawkers-troubled-by-the-loss-of-earnings-in-lockdown
ration-kits-are-being-given-to-hawkers-troubled-by-the-loss-of-earnings-in-lockdown

लॉकडाउन में कमाई बंद होने से परेशान हॉकर्स को दी जा रही है राशन किट

- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सहयोग से नेशनल हॉकर फेडरेशन कर रहा है मदद नई दिल्ली, 05 जून (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से बड़ी संख्या में स्ट्रीट वेंडर्स प्रभावित हुए हैं। खासकर कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क, जनपथ, सरोजिनी नगर मार्केट और लाजपत नगर मार्केट जैसी जगहों पर फुटपाथ पर बैठकर अपनी जीविका कमाने वाले हजारों लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले डेढ़ महीने से काम-धंधा बंद होने की वजह से अब इन लोगों को अपने बच्चों का पेट भरना मुश्किल हो रहा है। नेशनल हॉकर फेडरेशन ने भारत सरकार के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सहयोग से ऐसे तमाम लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया है। इनकी तरफ से एक राशन किट तैयार की गई है जिसमें जरूरत का सारा सामान रखा गया है। यहां तक कि 14 साल तक के बच्चों के लिए भी एक अलग किट तैयार की गई है जिसमें जिसमें सूखा दूध, बोर्नविटा, चने का सत्तू और साबूदाना आदि जैसे पौष्टिक आहार रखे गए हैं ताकि बच्चों को कुपोषण जैसे हालात से बचाया जा सके। कोरोना काल में मजबूर हॉकर्स की सहायता के लिए नेशनल हॉकर फेडरेशन कि तरफ से कई टीम का गठन कर दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों की मदद करने का कार्य किया जा रहा है। नेशनल हॉकर फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव अनिल बख्शी ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि कोई भी जरूरतमंद मजदूर, हॉकर्स और गरीब भूखा नहीं रहे। फेडरेशन से जुड़े कई संगठन की अनेकों टीमें घर-घर जाकर पता लगा रही हैं कि किसी को राशन और खाने-पीने की परेशानी तो नहीं है। भारत सरकार के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के साथ मिलकर फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव अनिल बख्शी, रेहड़ी पटरी एकता मंच के अध्यक्ष उपेंद्र गुप्ता, नेशनल हाकर फेडरेशन के यूथ अध्यक्ष मोहित वालेचा, राजेश कुमार अमर भंडारी, जितेश वालेचा, हैदर अली और मनोज कुमार सहित अनेक सदस्य इस काम में दिन-रात जुटे हुए हैं। यह सभी लोगों को राशन पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। फेडरेशन के सचिव अनिल बख्शी का कहना है कि हमारी कोशिश है कि कोरोना काल में अपने रोजगार और नौकरी गंवाने वालों को भूखा ना रहना पड़े व उनके परिवार को किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। हमारे साथ जुड़ी तमाम संस्थाएं मिलकर 10 किलो आटा, 5 किलो चावल, 2 किलो दाल, 1 किलो चीनी, रिफाइंड और हल्दी, मिर्च व धनिया पाउडर जैसे मसालों की किट बनवाकर वितरण कर रहे हैं। इसके अलावा बच्चों के लिए एक अलग किट बनाई गई है जिसमें 1 किलो सूजी, 1 किलो दलिया, 1 किलो गुड़, 1 किलो चिवड़ा, बोर्नविटा का 200 ग्राम का जार, 24 पीस वाला पारले जी बिस्कुट, 400 ग्राम मिल्क पाउडर, 400 ग्राम मुरमुरे, 1 किलो चने का सत्तू और 200 ग्राम साबूदाना पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। यह किट जिनके पास राशन कार्ड हैं उनको भी और जिनके नहीं हैं, उनको भी उपलब्ध कराया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/एम. ओवैस

Raftaar | रफ्तार
raftaar.in