PM मोदी नहीं चाहते थे लाए जाएं 2000 के नोट, जानिए फिर भी क्यों होना पड़ा राजी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृेपेंद्र मिश्रा ने एक खुलासा किया है कि पीएम मोदी 2000 के नोट को लाना नहीं चाहते थे।
PM मोदी नहीं चाहते थे लाए जाएं 2,000 के नोट
PM मोदी नहीं चाहते थे लाए जाएं 2,000 के नोट

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को एक घोषणा कर 2000 रुपये के नोट को तत्काल प्रभाव से सर्कुलेशन से बाहर कर दिया था यानी कोई भी बैंक अब दो हजार रुपये के नोट जारी नहीं करेगा, लेकिन नोट 30 सितंबर तक वैध रहेंगे। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृेपेंद्र मिश्रा ने एक खुलासा किया है कि पीएम मोदी 2000 के नोट को लाना नहीं चाहते थे। लेकिन, उन्हें बताया गया कि इन नोटों को कुछ समय के लिए जारी किया जा रहा है, इसके बाद पीएम मोदी राजी हुए थे।

नए 500 और 1000 नोटों को किया जाना था जारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबाकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृेपेंद्र मिश्रा ने बताया कि जिस समय नोटबंदी की गई थी, उस मैं प्रधान सचिव था। उस दौरान 500 और 1000 के नोट को बंद कर नए 500 और 1000 नोटों को जारी किया जाना था। नए नोटों की व्यवस्था प्रिटिंग मशीन के जरिए होनी थी।

एक नोट को छापकर दो हजार रुपये की वैल्यू को किया गया पूरा

उन्होंने बताया कि उस समय देखा गया कि जितनी संख्या में पुराने नोट आएंगे और नए नोट जारी किए जाएंगे। इस हिसाब से प्रिटिंग मशीन की क्षमता नहीं थी। इसी वजह से 2000 रुपये के नोट लाए गए थे, क्योंकि जहां पर चार नोट छापकर 2000 रुपये पूरे होते वहीं, एक नोट को छापकर दो हजार रुपये की वैल्यू को पूरा किया गया।

पीएम मोदी नहीं चाहते थे लाए जाएं 2000 रुपये के नोट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हजार रुपये के नोट को लाने के पक्ष में बिलकुल भी नहीं थे क्योंकि उनका मानना था कि अगर हम 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करके 2000 रुपये के नोट को ला रहे हैं, तो लोग कैसे समझेंगे कि इससे काला धन समाप्त होगा। इससे उल्टा जमाखोरी करने में आसानी होगी। हालांकि, जब उन्हें समय सीमा के अंदर नोटों की छपाई करने वाली प्रिटिंग मशीन की क्षमता के बारे में बताया तो उन्होंने इसकी मंजूरी दे दी।

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