नई दिल्ली, हि.स.। सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई 3 जनवरी तक के लिए टाल दी है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह याचिका को पढ़ने के बाद सुनवाई करेंगे। महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ एथिक्स कमेटी की सिफारिश और उसके बाद लोकसभा से प्रस्ताव पारित होने को गलत बताया है।
पैसे लेकर सवाल पूछने के मामलें में फंसी महुआ मोइत्रा
लोकसभा ने 8 दिसंबर को महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी थी। संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप को सही मानते हुए संसद की सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा की थी। महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने एक कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडानी के बारे में सवाल पूछे और अपना लॉग-इन पासवर्ड भी हीरानंदानी से साझा किया था।
फाइल का अध्ययन करने का मांगा समय
न्यायमूर्ति खन्ना ने मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कहा, "मुझे सुबह फाइल मिली, मेरे पास इसे स्कैन करने का समय नहीं था। क्या हम इसे 3 या 4 जनवरी को रख सकते हैं? मैं इसे देखना चाहूंगा।" साथ ही, मामले को 3 जनवरी को तक टाल दिया।
सांसदी जाने के बाद फूटा मोइत्रा का गुस्सा
सदन के अंदर चर्चा के दौरान बोलने की इजाजत नहीं मिलने पर मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स कमेटी ने हर नियम तोड़ा है। 8 दिसंबर को संसद के बाहर बोलते हुए उन्होंने वापस लड़ने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा, "मैं 49 साल की हूं और अगले 30 साल तक मैं आपसे संसद के अंदर और बाहर लड़ूंगी। हम आपका (भाजपा) अंत देखेंगे, यह आपके अंत की शुरुआत है, हम वापस आने वाले हैं।"
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in