नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। यूजीसी ने नया नियम निकाला है जो चार साल की बैचलर डिग्री लेने वाले कैंडिडेट्स के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। अब उन्हें पीएचडी और नेट परीक्षा के लिए फॉर्म भरने के लिए, मास्टर्स करने की जरूरत नहीं। वे मास्टर्स किए बिना ही पीएचडी के लिए फॉर्म भर सकते हैं। नए नियम के तहत चार साल की बैचलर डिग्री रखने वाले कैंडिडेट्स अब सीधा पीएचडी या नेट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। लेकिन मिनिमम मार्क्स होना जरूरी है। इस बार यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन 16 जून के दिन किया जाएगा।
कितने चाहिए होंगे मार्क्स
इस बारे में बात करते हुए यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि चार साल की बैचलर डिग्री वाले स्टूडेंट्स अब सीधा नेट या पीएचडी के लिए फॉर्म भर सकते हैं। केवल शर्त ये है कि उनके बैचलर्स में कम से कम 75 प्रतिशत अंक होने चाहिए।
पहले कितने मार्क्स चाहिए होते थे
इसके पहले पीएचडी या नेट परीक्षा में बैठने के लिए जरूरी होता था कि कैंडिडेट्स के पास कम से कम 55 परसेंट मार्क्स के साथ मास्टर्स डिग्री हो।
क्या कहना है यूजीसी अध्यक्ष का
यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि जिन कैंडिडेट्स के पास चार साल की अंडरग्रेजुएट डिग्री है वे, डायरेक्टली पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं और नेट परीक्षा में भी बैठ सकते हैं। साथ ही इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कैंडिडेट ने किस डिस्पिलन से बैचलर्स की डिग्री ली है। बस इतना जरूरी है कि चार साल के बैचलर प्रोग्राम या 8 सेमेस्टर की परीक्षा में कैंडिडेट के कम से कम 75 परसेंट मार्क्स होने चाहिए।
इनको मिलेगी छूट
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आरक्षित श्रेणी के कैंडिडेट्स को पांच परसेंट की छूट भी मिलेगी। ये छूट एससी, एसटी, ओबीसी, डिफरेंटली ऐबल्ड, इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन जैसी कैटेगरी के कैंडिडेट्स को मिलेगी. यूजीसी नेट परीक्षा के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं, इसलिए इच्छुक कैंडिडेट्स चाहें तो अप्लाई कर सकते हैं।
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