नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। संसद के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है। आज संसद में हंगामे के आसार लग रहें है। क्योकि 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की तरफ से नेता सदन और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक विवादित बयान दिया। अधीर ने कहा, जहां राजा अंधा, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है। अधीर रंजन चौधरी के इस विवादित बयान के बाद उनको स्पेंड कर दिया गया है। उनके इस सस्पेंशन को लेकर आज का दिन भी हंगामेदार रहने की संभावना है।
10 बजे विपक्षी गठबंधन की बैठक
गौरतलब है कि 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की तरफ से नेता सदन अधीर रंजन चौधरी पीएम मोदी पर असंसदीय टिप्पणी की थी। जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्रलाद जोशी ने चौधरी को सस्पेंड करने का प्रस्ताव दिया जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। अब आज उनके निलंबन को लेकर सुबह 10 बजे विपक्षी गठबंधन की बैठक होने जा रही है। अधीर के सस्पेंशन को लेकर CPP (कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी) अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सुबह 10.30 बजे कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। यह मीटिंग संसद स्थित CPP कार्यालय में होगी।
26 जुलाई को आया था अविश्वास प्रस्ताव
आपको बता दें लोकसभा 20 जुलाई से मानसून सत्र की शुरुआत हुई थी। पूरे सत्र में विपक्ष ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी से बोलने की मांग की। इसके लिए विपक्ष ने 26 जुलाई को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया। जिसके बाद अगले दिन यानी 27 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। विपक्षी गठबंधन द्वारा लए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में मानसून सत्र में 14वें दिन (8 अगस्त) को प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। गुरुवार ( 10 अगस्त) को पीएम मोदी के अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब के साथ चर्चा खत्म हुई।
पीएम मोदी ने दिया 2 घंटे 13 मिनट का भाषण
पीएम मोदी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर 2 घंटे 13 मिनट का भाषण दिया, जिसमें वे मणिपुर पर 1 घंटे 32 मिनट बाद बोलना शुरू किए। इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। हंलाकि विपक्षी गठबंधन द्वारा लया गया अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा ध्वनि मत से गिर गया। आपको बता दें मोदी सरकार के खिलाफ यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव था। पहला 20 जुलाई 2018 को तेलुगु देशम पार्टी लाई थी। 12 घंटे चर्चा के बाद मोदी सरकार को 325 वोट मिले थे। विपक्ष को 126 वोट मिले थे। अब तक 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।