
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। भारत आज अपने मून मिशन चंद्रयान-3 को चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करा कर इतिहास रचने जा रहा है। भारत के इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए पूरी दुनिया के साथ 140 करोड़ भारतीय अपनी आस लगाए बैठे है। आज भारत अपने मून मिशन चंद्रयान-3 को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर साउथ पोल में सॉफ्ट लैंडिंग कराने जा रहा है। पूरी दुनिया इस पल का इंतजार कर रही है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि हमें विश्वास है कि यह एक सफल मिशन है। और उन्होंने कहा, हम इसके लिए तैयार हैं। ISRO इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए इसका लाइव प्रसारण भी कर रहा है।
अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में भारत रचेगा इतिहास
चंद्रयान-3 की लैंडिंग के साथ ही भारत अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में इतिहास रच देगा। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा। मगर सबसे खास यह है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का इकलौता देश होगा। इसरो ने कहा है कि अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो 23 अगस्त को भारतीय समय पर शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरेगा। इसी के साथ चांद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की मुट्ठी में होगा।
यहां देखे लाइव प्रसारण
इसरो ने कहा है कि विक्रम लैंडर की चांद पर लैंडिंग का लाइव प्रसारण इसरो की वेबसाइट के अलावा ISRO यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज पर होगा। इसके अलावा डीडी नेशनल टीवी चैनल सहित रफ्तार के फेसबुक पेज पर लाइव देखा जा सकता है। लाइव प्रसारण 5 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगा।
क्या होगा सॉफ्ट लैंडिंग के बाद?
चांद पर लैंडर मॉड्यूल की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान को बाहर निकाला जाएगा। रोवर चांद की सतह पर चलेगा और आगे का काम शुरू करेगा। पहिए चांद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ और इसरो लोगो की छाप छोड़ेंगे। चांद की सतह पर पहुंचने के बाद ये रोवर एक लूनर डे (चंद्र दिवस) का वक्त वहां गुजारेगा। एक लूनर डे 14 दिनों का होता है। विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की। इन फोटोज को पृथ्वी पर सेंड किया जाएगा। रोवर इसरो के लिए चांद पर कई तरह के वैज्ञानिक परीक्षण करेगा, इससे चांद पर मौजूद कई गहरे राज भी खुल सकते हैं।
पीएम मोदी लाइव इवेंट में वर्चुअली जुड़ेंगे
लैंडिंग का लाइव इवेंट शाम 5:20 बजे से शुरू होगा। इस इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्चुअली जुड़ेंगे। अभी वो साउथ अफ्रीका में हैं इसलिए वर्चुअली शामिल हो रहे हैं। वहीं मिशन की सफलता के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी में जगह-जगह पर हवन कराए जा रहे हैं।