दूरसंचार विधेयक 2023 संसद के दोनों सदनों से पारित, वैष्णव ने बिल को बताया भारत के डिजिटल युग का बड़ा प्रवर्तक

Telecom Bill 2023: लोकसभा ने बुधवार को भारतीय दूरसंचार विधेयक 2023 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसके साथ राज्यसभा ने गुरुवार को इस विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया।
Telecom Bill 2023
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नई दिल्ली, (हि.स.)। लोकसभा ने बुधवार को भारतीय दूरसंचार विधेयक 2023 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विधेयक को पारित करने के बाद सदन दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। यह बिल 18 दिसंबर को संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेश किया था। इस विधेयक को लोकसभा में मंगलवार को पेश किया गया था। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे सदन में चर्चा और बहस के लिए रखा था। व्यापक चर्चा के बाद बुधवार को निम्न सदन में इसे पारित कर दिया गया था। राज्यसभा में दूरसंचार विधेयक 2023 पारित हो गया है। 

दूरसंचार विधेयक 2023 को राज्यसभा में पारित

लोकसभा ने बीते बुधवार को 1885 के भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1933 के भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम और 1950 के टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्ज़ा) अधिनियम को बदलने के लिए दूरसंचार विधेयक, 2023 पारित कर किया था। विधेयक का उद्देश्य दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क के विकास, विस्तार और संचालन, स्पेक्ट्रम के असाइनमेंट और संबंधित मामलों से संबंधित कानून में संशोधन और समेकित करना है।

दूरसंचार विधेयक 2023 को राज्यसभा में पारित

दूरसंचार विधेयक 2023 को राज्यसभा में पारित कर दिया गया है। राज्यसभा ने गुरुवार को इस विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। देश में 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को निरस्त कर नया कानून बनाने के लिए लाए गए दूरसंचार विधेयक, 2023 को संसद ने गुरुवार को मंजूरी प्रदान कर दी थी। लोकसभा में यह एक दिन पहले ही पारित हो चुका था। अब इस बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होगा जिसके बाद यह बिल कानून बन जाएगा।

यह बिल आज के भारत के डिजिटल युग का एक बहुत बड़ा प्रवर्तक है- अश्विनी वैष्णव

इससे पहले केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में दूर संचार विधेयक 2023 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि यह बिल आज के भारत के डिजिटल युग का एक बहुत बड़ा प्रवर्तक है। वैष्णव ने कहा कि 1885 का कोलोनियल बिल इंडियन टेलीग्राफ एक्ट को रिपील करके आज की जरूरतों और अर्थव्यवस्था के हिसाब से आज के भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप एक नया बिल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लेकर आई है। उन्होंने कहा कि यह बिल आज के भारत के डिजिटल युग का एक बहुत बड़ा प्रवर्तक है।

केवल 14 महीनों में 4 लाख से अधिक 5जी के टावर देश में लगाए गये

वैष्णव ने कहा कि पिछले साढ़े नौ वर्षों में भारत में डिजिटल इंडिया की ऐसी क्रांति आई है, जिससे देश के जन-जन के मन और जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। साढ़े नौ वर्षों में टेलीकॉम का व्यापक प्रसार हुआ है। 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जिम्मेदारी संभाली थी उस समय देश में मात्र 6.25 लाख टेलीकॉम के टावर (बीटीएस) हुआ करते थे, आज 25 लाख से अधिक टेलीकॉम के टावर हैं। ब्रॉडबैंड (इंटरनेट) की सर्विस लेने वालों का आंकड़ा 2014 में महज डेढ़ करोड़ था, जो आज 85 करोड़ से अधिक है। दुनिया में सबसे तेज गति से 5जी का रोलआउट भारत में हुआ है, केवल 14 महीनों में 4 लाख से अधिक 5जी के टावर देश में लगाए गये हैं।

रिफॉर्म और प्रक्रिया के सरलीकरण से जल्द मिल रही टावर की क्लीयरेंस

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में रिफॉर्म और प्रक्रिया के सरलीकरण के कारण 85 प्रतिशत टावर की क्लीयरेंस (अनुमति) बटन दबाते ही अर्थात जीरो टाइम में मिल रही है। टावर और अन्य अनुमति को लेकर उन्होंने कहा कि साढ़े नौ वर्ष पहले जहां औसत 230 दिन लगते थे, वहीं आज यह काम औसत 10 दिन में राइट ऑफ वे मिल जाता है।

संचार क्षेत्र आज एक महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में उभरा है

वैष्णव ने कहा कि संचार क्षेत्र आज एक महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में उभरा है। इस सेक्टर से देश की अर्थव्यवस्था में एक जबरदस्त गति आती है। आज इस सेक्टर को एक नई गति देने के लिए ढांचागत सुधार वाला ये बिल सदन में प्रस्तुत है। उन्होंने कहा कि इसमें तीन बिलों को रिपील करने का प्रस्ताव था लेकिन हाल ही में एक बिल रिपीलिंग एक्ट के जरिए पहले ही रिपील हो चुका है। इस संशोधन के साथ बिल चर्चा के लिए प्रस्तुत है।

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