सुप्रीम कोर्ट की गौतम नवलखा पर टिप्पणी, कहा- घर पर रहना चाहते हैं नजरबंद तो चुकाना होगा हाउस अरेस्ट का खर्च

Gautam Navlakha: सर्वोच्च न्यायालय ने गौतम नवलखा के लिए कहा कि अगर वह घर पर ही अपनी नजरबंदी चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें सुरक्षा में आ रहे खर्चों का भुगतान खुद करना चाहिए।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने गौतम नवलखा को लेकर 9 अप्रैल 2024 को बड़ी टिप्पणी की है। गौतम नवलखा पर न्यूज क्लिक के मामले में चीन की फंडिंग का गलत इस्तेमाल, भीमा कोरेगांव और अन्य देशद्रोही गतिविधियों के मामले के आरोप हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने गौतम नवलखा के लिए कहा कि अगर वह घर पर ही अपनी नजरबंदी चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें सुरक्षा में आ रहे खर्चों का भुगतान खुद करना चाहिए।

इस पर आने वाले सुरक्षा खर्च का आपको भुगतान करना ही होगा

मिली जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने यह टिप्पणी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू द्वारा जजों की पीठ को गौतम नवलखा पर एजेंसी का लगभग 1.64 करोड़ रुपये बकाया की जानकारी देने के बाद की।

दरअसल गौतम नवलखा पर न्यूज क्लिक के मामले में चीन की फंडिंग का गलत इस्तेमाल, भीमा कोरेगांव और अन्य देशद्रोही गतिविधियों के मामले में मुकदमे चल रहे हैं। नवलखा ने इन मामलों में अपनी गिरफ्तारी के बजाय घर पर ही उन्हें नजरबंद रखने की अपनी मांग रखी है। उनकी इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आपने घर में नजरबंद रहने की मांग की है तो इस पर आने वाले सुरक्षा खर्च का आपको भुगतान करना ही होगा। आप अपने दायित्व से बच नहीं सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट भीमा कोरेगांव दंगा मामले में आरोपी नवलखा को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ NIA की अपील पर सुनवाई कर रही थी।

वकील शादान ने नवलखा की सुरक्षा खर्च का भुगतान करने की इच्छा जाहिर की

गौतम नवलखा की तरफ से पेश वकील शादान फरासत ने नवलखा को घर में नजरबंद रखने में आने वाले सुरक्षा खर्च का भुगतान करने की इच्छा जाहिर की। लेकिन उन्होंने आकड़ों पर ही सवाल उठा डाला। वकील शादान फरासत के आकड़ो पर सवाल उठाने का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि वे हर बार यही कहते हैं। मुझे आपकी फाइल नहीं, नोट का कागज देखना है। इस बीच न्यायमूर्ति भट्टी ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों पार्टियों को इस मामले में अपना सहयोग देने को कहा। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल की रखी और गौतम नवलखा की जमानत पर अंतरिम रोक भी बढ़ा दी।

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