नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। सुप्रीम कोर्ट में 1 अप्रैल 2024 को लोकसभा चुनावों में सभी वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की पूरी गिनती की मांग वाली याचिका की सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले को लेकर भारत चुनाव आयोग (ECI) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने अरुण कुमार अग्रवाल और असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से दायर याचिकाओं को लेकर यह नोटिस भारत चुनाव आयोग (ECI) को जारी किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड पर केंद्र सरकार को तलब किया था।
जिससे पूरा वीवीपैट सत्यापन 5-6 घंटों में किया जा सकेगा
याचिकाकर्ताओं ने भारत चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों को भी चुनौती दी है और कहा है कि वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) वेरिफिकेशन एक के बाद एक सीक्वेंस के हिसाब से होगा, जो देरी का कारण बनेगा। याचिका के अनुसार यदि एक साथ वेरिफिकेशन किया जाता है तो सभी विधानसभा क्षेत्रों में अधिक अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। जिससे पूरा वीवीपैट सत्यापन 5-6 घंटों में किया जा सकेगा।
सभी VVPAT पर्चियों की गिनती की जानी चाहिए
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने 24 लाख के लगभग वीवीपैट(VVPAT) को खरदने पर 5,000 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। लेकिन सबसे चिंता का विषय यह है कि वर्तमान में लगभग 20,000 वीवीपैट की पर्चियां ही सत्यापित है। इसको लेकर विशेषज्ञों की तरफ से कई महत्वपूर्ण सवाल उठाये जा रहे हैं। उन्होंने अतीत में EVM और VVPAT वोटों की गिनती के बीच बड़ी संख्या में कमियां आने की बात पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने यह बात तथ्य के आधार पर रखी है और कहा है कि सभी VVPAT पर्चियों की गिनती की जानी चाहिए।
इस मामले को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही निपटा लिया जाना चाहिए
कांग्रेस ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के नोटिस को बड़ा कदम बताते हुए कहा है कि इस मामले को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही निपटा लिया जाना चाहिए। इस मामले में कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा "VVPAT के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।
चुनाव आयोग ने INDIA गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया है। हमारी मांग थी कि ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए VVPAT पर्चियों के 100 % मिलान किए जाएं। इस संबंध में यह नोटिस पहला और काफ़ी महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसकी सार्थकता के लिए, चुनाव शुरू होने से पहले ही मामले पर निर्णय लिया जाना चाहिए।"
खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in