NCP Controversy: चुनाव आयोग के फैसले से नाखुश शरद गुट जाएगा सुप्रीम कोर्ट, बोले- दबाव में लिया गया फैसला

Election Commission's Decision: एनसीपी के स्वामित्व को लेकर छह महीने से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद मंगलवार को चुनाव आयोग ने एनसीपी विवाद का निपटारा करते हुए अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाया।
Sharad Pawar, Ajit Pawar and Supriya Sule
Sharad Pawar, Ajit Pawar and Supriya Suleraftaar.in

दिल्ली, (हि.स.)। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के स्वामित्व को लेकर छह महीने से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद मंगलवार को चुनाव आयोग ने एनसीपी विवाद का निपटारा करते हुए अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाया। आयोग से अजित गुट को असली एनसीपी का दर्जा मिलने के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है और कई राजनीतिक हस्तियों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।

हम विनम्रतापूर्वक निर्णय का स्वागत करते हैं

चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि आयोग ने हमारे वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला हमारे पक्ष में सुनाया है। हम विनम्रतापूर्वक निर्णय का स्वागत करते हैं।

किसी भी सियासी दल के लिए चुनाव चिह्न जरूरी होता है

पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने भी चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया और कहा कि किसी भी सियासी दल के लिए चुनाव चिह्न जरूरी होता है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग का फैसला साबित करता है कि पार्टी के ज्यादातर कार्यकर्ता और चुने हुए प्रतिनिधि अजित पवार के साथ हैं।

हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे: सुप्रिया सुले

वहीं, शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "मुझे लगता है कि जो शिवसेना के साथ हुआ वही आज हमारे साथ हो रहा है। इसलिए यह कोई नया आदेश नहीं है, बस नाम हैं, बदल दिए गए हैं, लेकिन सामग्री वही है।" उन्होंने कहा कि दबाव में फैसला लिया गया है। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

हमारा अमिताभ बच्चन शरद पवार हैं

सुप्रिया सुले ने कहा कि "अमिताभ बच्चन अमिताभ बच्चन हैं और हमारा अमिताभ बच्चन शरद पवार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार फिर पार्टी का निर्माण करेंगे, कार्यकर्ता उनके साथ हैं।"

चुनाव आयोग का दबाव में लिया गया फैसला लोकतंत्र की हत्या है

एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने कहा, ''आज चुनाव आयोग ने शरद पवार की पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह अजित पवार को दे दिया। ऐसा ही फैसला शिवसेना के मामले में भी लिया गया था। शरद पवार ने एनसीपी की स्थापना की थी। वह वर्षों तक पार्टी के अध्यक्ष रहे। चुनाव आयोग का दबाव में लिया गया फैसला लोकतंत्र की हत्या है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।"

यह संविधान की अनुसूची 10 की भावना के खिलाफ है

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मैं बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं। एक व्यक्ति जिस पर 70,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। आज वह भाजपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। अजीत पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं। यह संविधान की अनुसूची 10 की भावना के खिलाफ है।''

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