RRTS: PM मोदी ने राष्ट्र को सौंपी पहली हाई स्पीड रैपिड ट्रेन 'नमो भारत', 17 किमी की दूरी 12 मिनट में होगी पूरी

Rapid Train: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शुक्रवार) राष्ट्र को पहली हाई स्पीड रैपिड ट्रेन 'नमो भारत' सौंप दी। इस हाई स्पीड ट्रेन का 'वंदे भारत ' की तर्ज पर 'नमो भारत ' नामकरण किया गया है।
Rapid Train
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शुक्रवार) राष्ट्र को पहली हाई स्पीड रैपिड ट्रेन 'नमो भारत' सौंप दी। उन्होंने दिल्ली-मेरठ मार्ग के प्रथम चरण में साहिबाबाद-दुहाई खंड (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का उद्घाटन पूर्वाह्न करीब 11 बजे साहिबाबाद में किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। यह खंड 17 किलोमीटर का है। इसे यह ट्रेन करीब 12 मिनट में पूरा करेगी। इसी के साथ कुछ दिन बाद दिल्ली से मेरठ से बीच ट्रेन से यात्रा करने वाले मुसाफिरों का सफर सुगम हो जाएगा।

राष्ट्र को मिली पहली हाई स्पीड रैपिड ट्रेन 'नमो भारत'

इस हाई स्पीड ट्रेन का 'वंदे भारत ' की तर्ज पर 'नमो भारत ' नामकरण किया गया है। दिल्ली-मेरठ मार्ग पर इस परियोजना के पांच चरण हैं। उद्घाटन से पहले इस ट्रेन का ट्रायल रन हो चुका है। इसने 152 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा की गति का आंकड़ा हासिल किया।

यह हाई स्पीड रेल सेवा कल से पूरी तरह शुरू हो जाएगी। रैपिड रेल के संचालन के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) का गठन किया गया है। एनसीआरटीसी केंद्र सरकार, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों की संयुक्त कंपनी है। इस परियोजना पर जून 2019 में काम शुरू हुआ था। परियोजना के बाकी चरणों का काम पूरा करने की समय सीमा जून 2025 निर्धारित है।

साहिबाबाद-दुहाई डिपो के बीच पांच स्टेशन

आज से शुरू हुए पहले खंड साहिबाबाद-दुहाई डिपो के बीच पांच स्टेशन हैं। इनके नाम साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। निगम का दावा है कि यह भारत का पहला ऐसा ट्रेन सिस्टम होगा, जिसमें ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। यात्री मोबाइल फोन और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर रहेगा। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है। ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इस ट्रेन में दिव्यांगों के लिए अलग सीट तैयार की गई हैं।

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