
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन से संसद भवन में चल रही कार्यवाही को अत्यंत भावुक बना दिया। उन्होंने यहां से जुड़ी कई पुरानी यादों का स्मरण किया। पीएम मोदी ने कहा कि इसे विदेशी शासकों ने बनाया था, लेकिन पैसा, परिश्रम-पसीना भारतीयों का लगा। उन्होंने पहले के पीएम द्वारा हुए कार्य को याद करते हुए इसे भारत की विकासगाथा से जोड़ा। आइए जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन से जुड़ी 10 बड़ी बातें जो उन्होंने पुराने सदन से विदा होते हुए याद किया।
पीएम मोदी के संबोधन से जुड़ी बड़ी बातें-
संसद के विशेष सत्र में पीएम मोदी ने कहा मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना तब मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश इतना आशीर्वाद देगा, इतना प्यार देगा, ये कभी सोचा नहीं था।
उन्होंने कहा पिछले 75 वर्षों में हमारी उपलब्धि यही है कि देश के सामान्यजन का इस संसद पर विश्वास बढ़ता ही गया है। इस महान संस्था के प्रति लोगों का अटूट विश्वास ऐसे ही बना रहे।
पीएम ने कहा बदलते वक्त के साथ हमारे सदन की संरचना भी बदलती रही है और अधिक समावेशी बनती गई है। समाज का हर वर्ग विविधताओं से भरा हुआ है, जिसकी झलक सदन में दिखती है।
पीएम ने बताया कि सदन के इतिहास में करीब 7500 से अधिक जनप्रतिनिधि दोनों सदनों में मिलकर अपना योगदान दे चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने भी दोनों सदनों में गरिमा को बढ़ाया है।
उन्होंने कहा संसद भवन पर हुआ आतंकी हमला हमारी जीवात्मा पर हमला था। संसद भवन की रक्षा के दौरान शहीद हुए जवानों को हम नमन करते हैं।
पीएम ने कहा हम नए भवन में भले ही जाएंगे, लेकिन पुराना भवन भी आगे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा। ये भारत के लोकतंत्र की स्वर्णिम यात्रा का अहम अध्याय है।
संसद के विशेष सत्र में पीएम मोदी ने कहा, "नेहरू जी, शास्त्री जी और इंदिरा जी को जब हमने खोया तो सदन के आंख से आंसू भी बहे, सदन दर्द से भर उठा था।" बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया था।
संसद के विशेष सत्र में पीएम ने कहा कि संसद भवन पर हुआ आतंकी हमला हमारी जीवात्मा पर हमला था। संसद भवन की रक्षा के दौरान शहीद हुए जवानों को हम नमन करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- सदन के इतिहास में करीब 7500 से अधिक जनप्रतिनिधि दोनों सदनों में मिलकर अपना योगदान दे चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने भी दोनों सदनों में गरिमा को बढ़ाया है।
संसद के विशेष सत्र में पीएम मोदी ने कहा- इस सदन से विदाई लेना बहुत भावुकपूर्ण है, परिवार भी एक घर छोड़कर जाता है तो वो बहुत भावुक होता है। हम भी जब इस सदन को छोड़कर नए भवन जा रहे हैं तो भावनाओं का हुजुम उमड़ रहा है।
संसद के विशेष सत्र की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, दुनिया भारत में अपना मित्र खोज रही, सबका साथ सबका विकास हमें जोड़ रहा'