नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति ने वन नेशन, वन इलेक्शन की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आज राष्ट्रपति भवन में सौंप दी है। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह और सुभाष सी. कश्यप सहित पैनल के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
18,626 पन्नों की रिपोर्ट
एक बयान में कहा गया कि पैनल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 18,626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। इसमें कहा गया है कि यह रिपोर्ट 2 सितंबर, 2023 को इसके गठन के बाद से हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और 191 दिनों के शोध कार्य का परिणाम है। कोविंद पैनल द्वारा रखे गए प्रस्तावों में एक साथ चुनावों को चरणबद्ध तरीके से लागू करना प्रमुख है। इसके पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके बाद दूसरे चरण में 100 दिनों की समय सीमा के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।
इन लोगों से विचार-विर्मश कर रही समिति
पहले एक साथ चुनावों के लिए सभी विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनावों तक समाप्त होने वाली अवधि के लिए हो सकता है। राजनीतिक अनिश्चितता के संभावित परिस्थिति को संबोधित करते हुए पैनल ने सुझाव दिया कि अविश्वास प्रस्ताव के मामलों में शेष 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। समिति इस समय राजनीतिक दलों, संवैधानिक विशेषज्ञों, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों, चुनाव आयोग और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ उनके विचार जानने और मामले पर उनके विचार और परामर्श भी जानने में जुटी है।
एनके सिंह और प्राची मिश्रा का विशेष पेपर शामिल
यह देखते हुए कि कुछ राज्यों में साल में 200-300 दिन चुनावों में बीत जाते हैं। रिपोर्ट में एक साथ चुनावों की आर्थिक व्यवहार्यता पर 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्राची मिश्रा का एक पेपर शामिल है। जैसा कि हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है, रिपोर्ट एक साथ चुनाव कराने के लिए आवश्यक वित्तीय और प्रशासनिक संसाधनों का भी ब्यौरा देगी।
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