नई दिल्ली, हि.स.। इंजीनियरिंग सॉल्यूशन कंपनी यूएनओ टेक्नोलॉजी ने भारत में अपनी पहली परियोजना के रूप में नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर काम शुरू किया है। कंपनी जेवर एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक हाई विजन एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) केबिन का निर्माण करेगी। यह जानकारी यूएनओ टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर उन्नी भास्कर ने दी।
एडवांस्ड तकनीक से बनेगा एयरपोर्ट
उन्होंने एक बयान में बताया कि कंपनी इस परियोजना में अत्याधुनिक तकनीक से एडवांस्ड एटीसी की दिशा में बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार है। यह परियोजना इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (आईसीएओ) के मानकों के दायरे में पूरी होगी। इसका लक्ष्य कम विजिबिलिटी, अप्रचलित मशीनरी और हवाई यातायात नियंत्रकों के बीच सामंजस्य बैठाकर परिचालन को सुगम बनाना है।
दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा
उन्नी ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट के इस केबिन में विजुअल कंट्रोल रूम (वीसीआर) में ग्लेजिंग के लिए मुलिएन्स के बिना पहली अभिनव फ्रेमिंग प्रणाली स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा है कि जेवर एयरपोर्ट की यह परियोजना हमारे लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्नी भास्कर के अनुसार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट का स्वामित्व ज्यूरिख एयरपोर्ट्स ग्रुप के पास है। इसका निष्पादन टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कर रहा है। यह विमानन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सहयोग की मिसाल है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पूरे होने पर नोएडा का जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा।
ट्रैफिक पर होगा काबू
नोएडा में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से दिल्ली एयरपोर्ट में ट्रैफिक कंट्रोल की समस्या से छुटकारा मिलेगा। देश का सबसे अधिक व्यस्त रहने वाला दिल्ली एयरपोर्ट में हर 2 मिनट पर विमान टेक ऑफ और लैंड करती है। पश्चिम और दक्षिण भारत में उत्तरी भारत के मुकाबले ज़्यादा संख्या में एयरपोर्ट होने की वजह से ट्रैफिक की समस्या ज़्यादा नहीं होती।
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