नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी को मात देने के लिए बने इंडिया गठबंधन में एक के बाद एक ऐसे फैसले लिए जा रहें है, जिससे इनके घटक दलों की चिंता बढ़ जा रहीं है। अब बिहार के मुख्यमंत्री और इंडिया गठबंधन के अगुवा नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जिससे इंडिया ब्लॉक के सदस्यों में खलबली मच गई है। जनता दल (यूनाइटेड) यानी जदयू आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर काफी सक्रिय दिख रहीं है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इंडिया गठबंधन से कथित नाराजगी के बाद JDU का यह फैसला कांग्रेस की टेंशन बढ़ा सकता है।
JDU ने की अपने उम्मीदवार की घोषणा
दरअसल जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बुधवार (3 जनवरी) को अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। जेडीयू की ओर से कैंडिडेट घोषित होने के बाद इस बात का संकेत मिल रहा है कि इंडिया गठबंधन से नीतीश कुमार की नाराजगी सदस्यों के साथ मतभेद अभी भी खत्म नहीं हुए हैं। इस संबंध में जेडीयू पार्टी के महासचिव अफाक अहमद ने कहा कि पार्टी की स्टेट यूनिट के अध्यक्ष रूही तांगुंग अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट से जेडीयू के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा कि यह घोषणा पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश पर की जा रही है।
रूही तांगुंग को अरुणाचल पश्चिम पीसी से JDU का उम्मीदवार बनाया गया
एमएलसी ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव आने वाला है। ऐसे में जनता दल (यूनाइटेड) अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी, जो 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ-साथ होने वाला है। इसी क्रम में रूही तांगुंग को अरुणाचल पश्चिम पीसी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्र) से जनता दल (यूनाइटेड) का उम्मीदवार बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि जदयू ने रूही तांगुंग को अरुणाचल पश्चिम पीसी से उम्मीदवार बनाने की घोषणा के पूर्व जदयू ने बिहार के सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र से बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस 2019 के चुनाव में इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही थी
आपको बता दें विपक्षी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस 2019 के चुनाव में इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही थी। ऐसे में इस फैसले के बाद कांग्रेस की टेंशन बढ़ सकती है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने राज्य की दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी। गौरतलब है कि यहां पिछली बार लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हुए थे। इससे पहले इंडिया ब्लॉक में नीतीश कुमार को भूमिका नहीं दी गई थी, जिसके बाद जेडीयू के नेताओं द्वारा उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। चूंकि, नीतीश कुमार का इतिहास रहा है कि वह किसी भी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में इंडिया ब्लॉक में भूमिका न मिलने के बाद भविष्य में उनका कदम क्या होगा? इसको लेकर भी कई कयास लगाए जा रहें हैं। इस बीच इंडिया ब्लॉक में चर्चा है कि नीतीश कुमार को ब्लॉक का संयोजक बनाया जा सकता है।
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