
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम बदलने को लेकर शुरु हुआ विवाद अब और जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। इस बीच अब इस मुद्दें पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी बयान आ गया है। उन्होंने ने कहा कि नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।
संदीप दीक्षित ने भी सरकार किया घेराव
वहीं इस मुद्दें पर कंग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी सरकार का घेराव किया है। उन्होंने कहा,'यह नाम इसलिए नहीं बदला गया है कि दूसरे प्रधानमंत्रियों का काम दिखाना चाहते हैं, बल्कि वह नेहरूजी का नाम दबाना चाहते हैं। उनकी मंसा नाम दिखाने से ज्यदा दबाने पर है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार आलीशान प्रधानमंत्री निवास बना रही हैं तो एक आलीशान प्रधानमंत्री संग्रहालय नही बना सकती थी। हर कोई कहता है कि नेहरू मेमोरियल फंड अच्छा काम करता था। मनगढ़ंत कहानियों से इतिहास नहीं बदला जा सकता है। संदीप दीक्षित ने आगे कहा, '17 साल में नेहरूजी ने जो काम किया, उसकी व्यापकता बाकी प्रधानमंत्रियों की तुलना में दिखती नहीं है। इसलिए यह बहुत ही चालाकी से किया गया है। नेहरूजी की क्रांतिकारी उपलब्धियां हैं, वह उस संग्रहालय में में दिखती ही नहीं है।
लेह-लद्दाख में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे राहुल गांधी
आपको बता दें केंद्र सरकार ने 15 अगस्त को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल कर प्रापीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) कर दिया गया है। हंलाकि सरकार ने यह फैसला 15 जून 2023 को राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था, जिसे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या (14 अगस्त) पर औपचारिक रूप दिया गया।
दरअसल, राहुल गांधी दो दिनों के लद्दाख दौरे के लिए निकल चुके हैं। जब राहुल राहुल गांधी दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचे थे तब पत्रकारों ने उनसे नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने पर सवाल किया। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नेहरूजी की पहचान उनके नाम से नहीं, बल्कि उनके कर्म (काम) के कारण है। आपको बता दें राहुल लेह-लद्दाख के दो दिन के दौरे पर हैं। यहां वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे।