नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। राजस्थान के कोटा शहर से छात्रा के सुसाइड की खबर आई है। IIT-JEE की तैयारी कर रही 18 साल की एक छात्रा ने खुदकुश कर ली। उसने एक नोट छोड़ा है जिसमें उसने लिखा है कि वो IIT-JEE नहीं कर सकती है। ये इस महीने में इस तरह की दूसरी घटना है।
परीक्षा से 2 दिन पहले की आत्महत्या
31 जनवरी से छात्रा की परीक्षा शुरु होने वाली थी, अपनी पढ़ाई के बोझ तले छात्रा ने सुसाइड नोट में अपने माता-पिता के लिए लिखा कि "मम्मी-पापा मैं नहीं कर सकती, मै आत्महत्या कर रही हूं, मै बेकार बेटी हूं, मुझे माफ करना मम्मी-पापा, यही लास्ट ऑप्शन है।
पिछले साल कुल 23 आत्महत्या के मामले
कोटा में पिछले साल कुल 23 आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। पढ़ाई का इतना बौझ कोटा में पढ़ रहे सभी बच्चों से झेला नहीं जा रहा है। अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों की रुची के अनुसार उनको करियर चुनने की आजादी देनी चाहिए ताकि वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सके। साथ ही बच्चों के लिए करियर काउंसलिंग जैसी योजनाएं चलानी चाहिए, जिससे की आत्महत्या जैसे कदमों से बचा जा सके।
कोचिंग सेंटरों में चल रही मनमानी पर जरुरी रोक
सरकार को कोचिंग सेंटरों में चल रही मनमानी पर रोक लगाने की बहुत जरुरत है क्योंकि कोचिंग सेंटरों में शिक्षा अब बाजार बन चुका है। कहने को तो कोटा को शिक्षा की नगरी कहा जाता है, लेकिन अब ये शिक्षी नगरी की जगह व्यापार नगरी बन चुकी है। विद्यार्थियों पर जरुरत से ज्यादा बोझ डाला जा रहा है। हर जगह नम्बर 1 बनने के लिए विद्यार्थियों को मानसिक उत्पीड़न दिया जा रहा है। इन्हीं सख्त रवैयों से परेशान होकर एक के बाद एक विद्यार्थी आत्महत्या का कदम उठाने पर मजबूर है।
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