नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। केन्द्र सरकार अक्सर अपने फैसलो से सबको चौका देती है। अब केंद्र सरकार ने एक ऐसा ही चौंकाने वाले फैसला किया है। केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है। बताया जा रहा है कि इस विशेष सत्र के दौरान 5 बैठकें कराने वली है। ये 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261 वां सत्र होगा।
प्रह्लाद जोशी ट्विट कर दी जानकारी
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफर्म एक्स (ट्विटर) पर पर बताया- अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस का इंतजार कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा के 261वां सत्र) में पांच बैठकें होंगी। सूत्रों द्वारा प्रप्त जानकारी के अनुसार इस सत्र में 10 से ज्यादा महत्वपूर्ण बिल पेश किए जा सकते है।
विपक्ष ला चुका है अविश्वास प्रस्ताव
आपको बता दें इससे पहले सरकार नें 20 जुलाई से 11 अगस्त संसद का मानसून सत्र बुलाया था। इस दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर दोनों ही सदनों में जमकर हंगामा हुआ था। विपक्षी दलों ने मणिपुर के मुद्दे पर सदन में चर्चा और पीएम मोदी के बयान की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया था। इसको लेकर विपक्षी ने मौजूदा सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव भी लाया था। इस दौरान सत्ता और विपक्ष मणिपुर मुद्दे को लेकर आमने-सामने नजर आए थे। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से लोकसभा में जबरदस्त आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब पीएम मोदी ने दिया था। इसके साथ ही विपक्ष का प्रस्ताव भी गिर गया था।
क्या है विशेष सत्र बुलाने का प्रावधान?
दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 85 (Article 85) में संसद का विशेष सत्र बुलाने का प्रावधान है। संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति निर्णय लेती है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है, जिसके जरिए सांसदों (संसद सदस्यों) को एक सत्र में बुलाया जाता है।