नई दिल्ली, (हि.स.)। लोकसभा चुनावों के बीच कांग्रेस को एक और झटका लगा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और संजय मयूख की मौजूदगी में गौरव वल्लभ और बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा और महागठबंधन के प्रत्याशी रहे उपेन्द्र प्रसाद को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
सनातन के विरोध बताई थी इस्तीफे की वजह
इस मौके पर गौरव वल्लभ ने कहा, "अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं क्षुब्ध हूं। मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस रुख ने मुझे हमेशा असहज किया, परेशान किया। पार्टी और गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं और पार्टी का उस पर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है। इन दिनों पार्टी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। जहां एक ओर हम जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं, यह कार्यशैली जनता के बीच पार्टी को एक खास धर्म विशेष के ही हिमायती होने का भ्रामक संदेश दे रही है। यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।"
सुबह कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दिया था इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि गौरव वल्लभ ने गुरुवार सुबह कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी दिशाहीन हो गई है। अयोध्या के राम मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा पर कांग्रेस के रुख को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई।
कौन हैं गौरव वल्लभ?
गौरव वल्लभ का राजस्थान के जोधपुर से खास नता है। गौरव पढ़ाई के दौरान कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट थे। और उस वक्त से वो वाद-विवाद प्रतियोगिता में सबसे आगे रहते थे। वह जमशेदपुर के XLRI कॉलेज में प्रोफेसर भी रहे है। गौरव की तर्कशक्ति और लोकप्रियता के चलते कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रवक्ता बना दिया था। कांग्रेस प्रवक्ता बनने के बाद गौरव की लोकप्रियता और बढ़ गई थी। टीवी चैनल पर एक बहस में गौरव ने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा से 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनमी की बात उनसे पूछ लिया था कि एक ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं। उनका यह वीडियो काफी वायरल हुआ था। इस वीडियों के बाद उनकों खूब सुर्खियां मिली थी।
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