आदर्श आचार संहिता क्या होता है?
आदर्श आचार संहिता दिशानिर्देशों का एक समूह है जो चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए भारत के चुनाव आयोग (EC) द्वारा जारी किया जाता है। दिशानिर्देश में मुख्य रूप से भाषणों, मतदान केंद्रों, मतदान दिवस आचरण, चुनाव घोषणा पत्र, जुलूस और सामान्य रूप से आचरण के संबंध में होता है। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीख की घोषणा होते ही यह संहिता लागू हो जाती है। इस साल लोकसभा चुनाव होंगे। चुनाव आयोग द्वारा नई दिल्ली में आज चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। इसका मतलब है कि आज से ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
किन चीजों पर होती है पाबंदी?
1. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार आमतौर पर परियोजनाओं या प्रोजेक्ट का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं करती है।
2. चुनाव की प्रक्रिया के दौरान सरकारी निकायों को किसी भी भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाता है।
3. सरकारी गाड़ियों, विमान और सरकारी मशीनरी का चुनाव-प्रसार के लिए प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
4. चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और उनके प्रचारकों को अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के रोड शो की स्वतंत्रता में खलल नहीं डाल सकते। आचार संहिता इस पर कड़ी नजर रखती है।
5. चुनाव-प्रचार के दौरान रैलियों और रोड शो का असर सड़क यातायात और आम जनता पर नहीं पड़ना चाहिए।
6. किसी भी सरकारी अधिकारी का ट्रांसफर नहीं कर सकते।
7. राजनीतिक विज्ञापन के लिए सरकारी खजाने का प्रयोग नहीं कर सकते।
8. जिन विज्ञापनों पर सरकारी खर्चे किया है, उन्हें तुरंत हटा लें।
9. कोई भी चुनावी जुलुस, रैली, संबोधन या रोड शो निकालने से पहले पुलिस की अनुमति लेना अनिवार्य है।
10. कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है।
11. संबंधित राज्य/केंद्रीय सरकार की आधिरकारिक वेबसाइटों से मंत्रियों/राजनेताओं/राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को निकाल दिया जाता है।
12. कृषि-संबंधी उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए सत्ताधारी पार्टी को चुनाव आयोग से परामर्श करना होगा।
आदर्श आचार संहिता उल्लंघन करने पर क्या होती है सजा?
चुनाव आयोग द्वारा लागू किए जाने वाला आदर्श आचार संहिता के नियमों का पालन करना सभी राजनैतिक दलों के लिए जरुरी है। इस दौरान अगर किसी दल का प्रत्याशी इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ा गया तो उस पर सख्त कार्यवाई होगी। भारतीय दंड संहिता की धारा 171ज के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके अनुसार, प्रत्याशी पर आपराधिक मामले के तहत मुकदमा चलने का प्रावधान है और जेल भी हो सकती है।
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in