नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह मिशन दक्षिण पर फोकस कर रहे हैं। BJP को लोकसभा चुनाव में 400 पार करने के लिए राज्यों की पार्टियों का साथ जरुरी है। करीब 6 साल बाद BJP और TDP के बीच फिर से गठबंधन के कयास लगाए जा रहे हैं। जल्द ही इस बात की औपचारिक घोषणा कर सकती है।
दिल्ली में चंद्रबाबू नायडू ने की इन नेताओं के साथ मुलाकात
TDP के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू गुरुवार को दिल्ली पहुंचे। देर रात तक हुई बैठक में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण जिनकी पार्टी जन सेना पार्टी (JSP) पहले से ही NDA में है और आंध्र प्रदेश में TDP के साथ गठबंधन में है। पवन कल्याण भी इस बैठक में शामिल हुए। सूत्रों ने अनुसार, दोनों दल सैद्धांतिक रूप से गठबंधन पर सहमत हो गए हैं और सीट-बंटवारे के विवरण पर काम किया जा रहा है।
क्यों है जरुरी है BJP और TDP का गठबंधन?
BJP अभी तक आंध्र प्रदेश में अपने पैर नहीं जमा पाई है और राज्य में पिछले चुनाव में हार गई थी। BJP राज्य में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहती है। TDP-JSP के साथ गठबंधन करने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 370 लोकसभा सीटों के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी। वहीं TDP के एक नेता ने नाम न उजागर करने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस अखबार को कहा कि "यह गठबंधन सत्तारुढ़ YSR कांग्रेस को संदेश देगा कि केंद्र सरकार TDP के साथ है। आपको बता दें कि YSR कांग्रेस और BJP के आपस में अच्छे संबंध हैं। पिछले साल सितंबर में आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम घोटाले में चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद से TDP ने BJP को अपने पक्ष में करने का सोचा। TDP-JSP के गठबंधन की घोषणा तब की गई जब चंद्रबाबू नायडू जेल में थे।
पवन कल्याण की क्या है भूमिका?
सूत्रों के अनुसार, JSP नेता पवन कल्याण ने ही चंद्रबाबू नायडू और BJP को बातचीत की मेज पर आने के लिए उकसाया था। वहीं BJP TDP के साथ गठबंधन करने के लिए उत्सुक नहीं थी क्योंकि इसकी राज्य इकाई का एक वर्ग नायडू को एक गद्दार और ऐसे व्यक्ति के रूप में देखता है जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। विशाखापत्तनम में JSP के एक जिला पदाधिकारी ने कहा- यह हमारे पार्टी प्रमुख थे जिन्होंने भ्रष्ट YSRCP को हराने के लिए गठबंधन में क्षमता देखी। सूत्रों ने कहा कि पवन कल्याण को उम्मीद है कि आंध्र प्रदेश में BJP-TDP-JSP का अच्छा प्रदर्शन यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी पार्टी की बात तेलंगाना में भी सुनी जाए खासकर पिछले साल के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद।
BJP-TDP का लोकसभा चुनाव में कैसा रहा प्रदर्शन?
साल 1996 में TDP अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में NDA में शामिल हो गई। उस समय चंद्रबाबू नायडू गठबंधन के संयोजक थे। 2014 लोकसभा चुनावों में भी TDP ने NDA में शामिल होकर चुनाव लड़ा। TDP ने 25 सीटों में से 15 सीटें जीतीं तकरीबन 40% से अधिक वोट शेयर के साथ। जबकि BJP ने 7% वोट शेयर के साथ 2 सीटें जीतीं। 2019 लोकसभा चुनावों में TDP ने NDA का दामन छोड़ दिया। दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। TDP का वोट शेयर लगभग बरकरार रहा, लेकिन उसकी सीटें घटकर सिर्फ 3 रह गईं। इस दौरान BJP को एक भी सीट नहीं मिली और उसे केवल 0.98% वोट मिले।
BJP-TDP का विधानसभा चुनाव में कैसा रहा प्रदर्शन?
BJP-TDP ने मार्च-अप्रैल में 2014 का विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था। इस चुनाव में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विधायकों को चुना गया। चुनाव के बाद तेलंगाना अलग हो गया।चुनावों के बाद TDP आंध्र प्रदेश में सत्ता में आई। जिसने 44.9% वोट शेयर के साथ राज्य की 175 सीटों में से 102 सीटें जीतीं। TDP ने तेलंगाना की 119 सीटों में से 15 सीटें जीतीं और 14.7% वोट शेयर रहा। वहीं दूसरी ओर BJP ने आंध्र प्रदेश में 2% वोट हासिल किए और 4 सीटें जीतीं। जबकि तेलंगाना में BJP को एक भी सीट नहीं मिली। विधानसभा चुनाव 2019 में BJP-TDP अलग हो गई। इसी के बाद से TDP का बुरा वक्त शुरु हो गया। TDP का लगभग सफाया हो गया और राज्य की 175 विधानसभा सीटों में से केवल 23 पर विजयी हुई। TDP का 39.1% वोट शेयर रहा।
क्या है सीट शेयरिंग का संभावित फॉर्मूला?
TDP की राष्ट्रीय प्रवक्ता ज्योत्स्ना तिरुनगरी ने कहा कि गुरुवार को शाह और नड्डा से मुलाकात के बाद नायडू आज दोपहर को दूसरी बैठक करेंगे। इसके बाद शनिवार को NDA में गठबंधन की घोषणा किए जाने की संभावना है। आगामी लोकसभा चुनाव में BJP ने 7-8 लोकसभा सीटें और 15 विधानसभा सीटें मांगी हैं। वहीं TDP ने 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों की पेशकश की है। सूत्रों के अनुसार, BJP आगामी चुनाव में विशाखापत्तनम, अराकू, विजयवाड़ा, राजमुंदरी, राजमपेट, तिरूपति और हिंदूपुर लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। BJP विधानसभा सीटों की संख्या कम करने को तैयार हैं, लेकिन लोकसभा सीटों पर जोर दे रही है।
सीट-बंटवारे पर चल रहा मंथन
इस साल आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनावों होना बाकी है। TDP-JSP गठबंधन ने पिछले महीने विधानसभा चुनावों के लिए 99 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। जहां यह घोषणा की गई थी कि JSP 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 57 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूचि को रोक दिया गया था क्योंकि दोनों दल कथित तौर पर BJP के फैसले का इंतजार कर रहे थे। TDP नेता ने कहा कि "इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि BJP के हिस्से में 15 सीटें JSP से आएंगी या नहीं। सीट-बंटवारे पर बातचीत चल रही है। चर्चा पूरी होने के बाद इस पहलू पर और अधिक स्पष्टता होगी।"
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