Republic Day: संंसद हंगामे से मिली सबक, गणतंत्र दिवस की परेड में जूते-चप्पलों की भी होगी सख्त चैकिंग
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। गणतंत्र दिवस में अब एक दिन का भी दिन शेष नहीं बचा है। 13 दिसंबर को नई संसद भवन की बिल्डिंग में हुए हंगामें को लेकर पुलिस प्रशासन और केंद्रीय बलों की ईकाई अलर्ट मोड पर है। दिल्ली में 60,000 पैरामिलीट्र फोर्स की तैनाती हुई है। संसद भवन में हुए हमले से सीख लेकर दिल्ली पुलिस अब दोबारा अपने पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं मारना चाहती है। इसलिए गणतंत्र दिवस में आने वाले लोगों की सख्त चैकिंग होगी। खासकर चप्पल-जूतों की ध्यान से चैकिंग होगी।
कानून-व्यवस्था सख्त
इस वर्ष भारत 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से नागालैंड तक देशभक्ति की लहर गूंज रही है। ऐसे में अगर संसद भवन की तरह गणतंत्र दिवस पर कोई आतंकी या आपराधिक हमला हुआ तो इससे देश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठेंगे। साथ ही सरकार पर भी सवालों के घेरे में लपेटा जाएगा। इसलिए पुलिस प्रशासन गणतंत्र दिवस के महापर्व पर किसी साजिश को सफल होने का मौका नहीं देना चाहती।
13 दिसंबर को संसद भवन में क्या हुआ था?
13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपित सदन में कूदे और कुछ ही देर में एक आरोपित ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीला धुआं निकलने लगा। घटना के बाद सदन में अफरा-तफरी मच गई। संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।
आरोपितों के खिलाफ यूएपीए के तहत FIR दर्ज
एक महिला समेत 6 आरोपितों को तुरंत हिरासत में लिया गया। दिल्ली हाई कोर्ट ने महिला अपराधी नीलम की एफआईआर की कॉपी उसके परिजनों को देने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली पुलिस ने इन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की है।
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