नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। बिहार में कुर्सी के खेल हमेशा से ही चलता आया है, इसी के साथ आरोप-प्रत्यारोप का भी चलन जारी है। लोकसभा चुनाव में अब बस कुछ ही महीने रह गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इंडिया गठबंधन के निर्माता और जनता दल यूनाइटेड JD(U) के राष्ट्रीय नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर RJD का साथ छोड़कर अपने पुराने साथी NDA का दामन थामने का निर्णय लिया है। लेकिन सवाल ये उठता है कि 2022 में आखिर नीतीश कुमार ने BJP के NDA गठबंधन का साथ क्यों छोड़ा था?
क्यों छोड़ा था BJP का साथ?
नीतीश कुमार को बिहार का जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है, उनके नेतृत्व में बिहार में कई विकास कार्यों का आरंभ हुआ। अपनी कुर्सी की चिंता तो सभी को रहती है। नीतीश कुमार को राजनीति में अच्छा खासा अनुभव है। अपने इन्हीं अनुभवों के चलते वह एक-एक कदम फूंक-फूंक चलते हैं। 2022 में जब JD(U) और BJP की गठबंधन की सरकार थी, उस समय नीतीश कुमार को लगता था कि BJP लोक जनशक्ति पार्टी LJP(R) के अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ मिलकर JD(U) का बिहार से सफाया करना चाहती है। BJP उन लोकसभा सीटों पर LJP(R) के नेताओं को लोकसभा चुनावों में उतारना चाहती है जहां JD(U) के सांसद पहले से ही थे। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में LJP(R) 1 सीट पर सिमट के रह गई थी। इस बात से नाराज नीतीश कुमार ने अपने पुराने साथी BJP का साथ छोड़कर लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कमान संभाली और लालू प्रसाद के बेटे ने डिप्टी सीएम का पद संभाला। इस बीच नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कई बार आपत्तिजनक टिप्पियां दीं।
इंडिया गठबंधन और नीतीश कुमार का सपना
2023 में नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के खिलाफ देश के लगभग सभी बड़े विपक्षी दलों को एक करने में सफल हुए। सभी विपक्षी दलों ने मिलकर कई बैठके की। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के सुझाव पर इस गठबंधन का नाम "इंडिया गठबंधन" रखा। इसमें कुल 28 विपक्षी दलों के नेता शामिल थे। नीतीश कुमार बिहार के एक सफल मुख्यमंत्री हैं और लोगों की नजर में उनकी साफ-सुथरी छवि है। सूत्रों के अनुसार अब वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। BJP के साथ रहकर वह कभी अपने सपने को साकार नहीं कर पाते। इसलिए उन्होंने इंडिया गठबंधन बनाया इस उम्मीद से की अब उनके प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा हो जाएगा। लेकिन फिर भी उनकी अड़चने कम नहीं हुई। इंडिया गठबंधन की बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुझाव पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री उम्मीदवार खड़ा करने से नीतीश कुमार ने नाराजगी जताई। बाद में कांग्रेस के सुझाव पर नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाने का फैसला हुआ। बाद में नीतीश कुमार ने संयोजक न बनने का बड़ी सफाई से इंकार कर दिया।
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद में क्यों बढ़ रही दूरियां?
नीतीश कुमार आज बक्सर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे से मिलकर मंदिर में एक साथ पूजा करते दिखे। इस बीच पिछले कई दिनों से उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से दूरियां बना ली हैं। पटना में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के समारोह में भी तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के साथ नजर नहीं आए। हाल ही में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने की खुशखबरी से नीतीश ने प्रधानमंत्री का आभार जताया और परिवारवाद की राजनीति पर हमला किया। लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं जिससे नीतीश कुमार ने नाराजगी जताई। सूत्रों के अनुसार नीतीश अब फिर RJD का साथ छोड़कर आज मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देंगे, और BJP के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। BJP नेता रेनू देवी की डिप्टी सीएम बनने की चर्चाएं चल रही हैं।
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